मध्य प्रदेश

सेवानिवृत्त कर्मी की विधवा भी क्रमोन्नति व पदोन्नति सहित अन्य लाभ पाने की हकदार …

भोपाल। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि सेवानिवृत्त शासकीय कर्मी के विधवा क्रमोन्नति व पदोन्नति सहित अन्य लाभ पाने की हकदार है। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने अपील पर निर्देश दिया कि अपीलकर्ता की शिकायत दूर करते हुए उसे निर्धारित समय-सीमा के भीतर सभी अपेक्षित लाभों का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

अपीलकर्ता बरगी नगर निवासी पुष्पा मर्सकोले की ओर से अधिवक्ता सुशील कुमार मिश्रा, मनीष रेजा, निर्देश पटेल, आशीष कुमार तिवारी, आजाद श्रीवास्तव व सुधीर शर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि अपीलकर्ता का पति तारा सिंह नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, बरगी नगर में पदस्थ था। 2013 में उसकी सेवानिवृत्ति हुईं उसे सेवाकाल के दौरान विभाग ने पदाेन्नति व क्रमोन्नति का लाभ प्रदान नहीं किया था। 2020 में उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद पत्नी की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।

पूर्व में हाईकोर्ट की एकलपीठ ने याचिका इस टिप्पणी के साथ निरस्त कर दी कि दिवंगत शासकीय कर्मी ने जीवनकाल में विभाग से इस संबंध में मांग नहीं की गई थी, इसलिए उसकी विधवा पत्नी इन सभी लाभों को प्राप्त करने की हकदार नहीं है। एकलपीठ के इसी आदेश में अपील के जरिए युगलपीठ के समक्ष चुनौती दी गई। इसमें मूल मांग यही है कि अपीलकर्ता के अधिकार को महज इसलिए दरकिनार नहीं किया जा सकता कि उसके पति ने जीवनकाल में ये मांगें नहीं रखी थीं। युगल पीठ ने कहा कि अपीलकर्ता को न्याय हासिल करने का पूरा अधिकार है। उसके पति से शासकीय विभाग में जो सेवा दी थी, उससे संबंधित शेष लाभ प्राप्त करने के लिए वह पूरी तरह अधिकारी है। लिहाजा, उसकी शिकायत दूर की जाए। वह हाई कोर्ट के आदेश सहित अभ्यावेदन प्रस्तुत करेगी, जिसका समय-सीमा में निराकरण होना चाहिए।

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