छत्तीसगढ़

अजजा आयोग के पूर्व अध्यक्ष धरने पर, प्रशासन पर लगाए आरोप, कहा- सीएम भी कुछ नहीं कर पाएगा…

बालोद। वरिष्ठ आदिवासी नेता उत्तर बस्तर के पूर्व विधायक व अनुसूचित जनजाति आयोग छत्तीसगढ़ के पूर्व अध्यक्ष देवलाल दुग्गा अपने एक ऋण पुस्तिका के मामले को लेकर तहसीलदार के खिलाफ तहसील कार्यालय में धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि अगर मुझ जैसे व्यक्ति का ऐसा हाल है तो यहां गांव, गरीब या मेरे आदिवासी भाईयों का क्या हाल होता होगा।

शुक्रवार दोपहर लगभग 12 बजे देवलाल दुग्गा तहसील कार्यालय में धरने पर बैठ गए। उन्हें बैठे देख लोग उनके समर्थन में आसपास खड़े रहे। पूर्व विधायक ने बताया कि यह कैसी नीति है। मैं अपने ऋण पुस्तिका के लिए 25 दिन से रोज आ रहा हूं । यहां तो तहसीलदार ध्यान नहीं देते। पद का ना सही, मेरे बुजुर्ग होने का तो ख्याल रखते। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार यह न सोचें कि हम आदिवासी कमजोर हो गए हैं। जिस दिन चाहे उस दिन यहां के तहसीलदार से लेकर कलेक्टर को भगा देंगे और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कुछ नहीं कर पाएगा।

मंत्री पर लगाया आरोप

अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष देवलाल दुग्गा ने बताया कि इन तहसीलदार के बारे में जब सुनने मिला तो यह बात सामने आई कि उनका स्थानांतरण यहां से बाहर कवर्धा हो गया है, जिसे यहां की विधानसभा सदस्य जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन की मंत्री हैं, उन्हें फिर बैठा दिया गया है।   तहसीलदार प्रतिमा ठाकरे ने कहा कि उनका एक ऋण पुस्तिका का विषय है जिसे हमने तैयार कर दिया है।पूर्व विधायक देवलाल दुग्गा ने बताया कि जब मैं आज यहां धरने पर बैठा, तब तहसीलदार के किसी प्रतिनिधि ने अभी मुझे ऋण पुस्तिका लाकर दिया है तो क्या बिना हड़ताल करे ऋण पुस्तिका नहीं मिलेगा। जब मैं यहां बैठा हूं तब मुझे समझ आया कि हां स्थिति कितनी दयनीय है। गांव-गांव के लोग अपनी समस्याएं लेकर आ रहे हैं

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