
नई दिल्ली / रायपुर । भाजपा नेता सावरकर पर दिए अपने बयानों को लेकर हमेशा ही निशाने पर रहते हैं। अपने इसी बड़े बोल के चलते केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चौतरफा हमला झेल रहे हैं और देश के दिग्गज नेता उनसे सवाल पूछ रहे हैं। जिसके जवाब में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है। राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा था कि सावरकर ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कहने पर अंग्रेजों के सामने दया याचिका (माफ करने) दी थी।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दिए बयान पर पहले असदुद्दीन ओवैसी और अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी रक्षामंत्री के बयान पर सवाल खड़े किए हैं। राजनाथ सिंह ने यह कहा था कि सावरकर ने महात्मा गांधी के कहने पर अंग्रेजों के सामने दया याचिका दी थी। अब भूपेश बघेल ने इसपर सवाल उठाया है कि जब सावरकर जेल में बंद थे तो उन्होंने महात्मा गांधी से बात कैसे की?
भूपेश बघेल ने कहा, ‘उस समय महात्मा गांधी कहां थे? सावरकर कहां थे? सावरकर जेल में थे। दोनों ने कैसे बात की? सावरकर ने जेल में रहते हुए दया याचिका दी थी और ब्रिटिशर का साथ देते रहे। इतना ही नहीं 1925 में जेल से बाहर आने पर द्विराष्ट्र के बारे में बात करने वाले वह पहले शख्स थे।’
राजनाथ सिंह ने कहा था, ‘सावरकर के खिलाफ झूठ फैलाया गया। बार-बार यह बात कही गई कि उन्होंने अंग्रेजी सरकार के सामने अनेकों मर्सी पिटिशन फाइल की। मगर सच्चाई है कि मर्सी पिटिशनउन्होंने अपने को रिहा किए जाने को लेकर नहीं फाइल की थी। सामान्यता एक कैदी को पूरा अधिकार होता है कि अगर वह मर्सी पिटिशन फाइल करना चाहे तो वह कर सकता है।
महात्मा गांधी ने उन्हें कहा था कि आप मर्सी पिटिशन फाइल कीजिए। महात्मा गांधी के कहने पर उन्होंने मर्सी पिटिशन फाइल की थी और महात्मा गांधी ने अपनी ओर से अपील की थी, उन्होंने कहा था कि अगर सावरकर जी को रिहा किया जाना चाहिए, जैसे हम शांतिपूर्ण तरीके से आजादी हासिल करने के लिए आंदोलन चला रहे हैं, वैसे ही सावरकर जी भी करेंगे। यह बात महात्मा गांधी जी ने कही थी।’
रक्षा मंत्री ने आगे कहा, ‘मगर उन्हें बदनाम करने के लिए इस प्रकार की कोशिश की जाती है कि उन्होंने मर्सी पिटिशन फाइल की थी, उन्होंने क्षमा याचिा मांगी थी, उन्होंने रिहाई की बात की थी, ये सब बाते गलत और बेबुनियाद है।’