कमलनाथ ने आदिवासी संगठनों को एक मंच पर लाने आदिवासी विधायकों को सौंपी जिम्मेदारी …
भोपाल। मप्र में अगले साल होने विधानसभा चुनाव होने हैं। मप्र की राजनीति के केन्द्र में इस समय आदिवासी हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनाने में आदिवासियों का महत्वपूर्ण रोल रहा था। आदिवासियों को अपनी तरफ खींचने की भाजपा की रणनीति से बैचेन कांग्रेस ने अब आदिवासियों को कांग्रेस से जोड़े रखने की प्लानिंग पर तेजी से काम शुरु कर दिया है।
मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस के आदिवासी विधायकों के साथ बैठक कर आदिवासी संगठनों को एक मंच पर लाकर चर्चा करने की जिम्मेदारी दी है। बैठक में कांग्रेस के आदिवासी विधायकों से अलग-अलग क्षेत्रों में आदिवासी संगठनों के प्रभाव को लेकर चर्चा की। बैठक में जयय के संरक्षक डॉ.हीरालाल अलावा, बाला बच्चन, अशोक मर्सकोले, सुरेन्द्र सिंह बघेल, कांतिलाल भूरिया सहित आदिवासी विधायक मौजूद थे। कमलनाथ बोले- आदिवासियों को गुमराह कर रही बीजेपी-आरएसएस बैठक में कमलनाथ ने विधायकों से कहा आदिवासियों को बांटने के लिए बीजेपी और आरएसएस कई प्रकार से प्रयास कर रहे हैं। आदिवासियों को आपस में लड़ाने और उपजातियों को बांटने की कोशिश हो रही है। इस सच्चाई को हमें बताना जरूरी है।
कमलनाथ ने कहा कि आदिवासियों के शिक्षित और जागरूक युवाओं को प्रलोभन दिए जा रहे हैं। इसके बारे में आदिवासियों को बताने-समझाने की जरूरत है। आदिवासियों के संगठन बीजेपी कांग्रेस के लिए चुनौती बैठक में मौजूद कांग्रेस विधायक और जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ.हीरालाल अलावा ने बताया आज पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ जी ने आदिवासी विधायकों के साथ बैठक हुई।
बैठक में आदिवासी विधायकों के साथ आदिवासी कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ मिशन 2023 की चुनौती को लेकर चर्चा हुई। इसमें आदिवासी समाज और आदिवासी सामाजिक संगठनों की भूमिका को लेकर चर्चा की। हमने आदिवासियों के मूलभूत मुद्दे कमलनाथ जी को बताए हैं। उन्होंने आदिवासी संगठनों के साथ बैठकर चर्चा करने की बात कही है। जल्दी ही कमलनाथ जी जयस सहित सभी आदिवासी संगठनों के साथ चर्चा करेंगे।