लेखक की कलम से
गणतन्त्र दिवस …
“पचहत्तर साल का बूढ़ा नहीं –
जवान है भारत ,
पूर्वजों के त्याग का –
परिणाम है भारत ,
हम युवा हैं सक्षमता का –
भान है भारत ,
आतकंवादियों को निपटाने में –
काल है भारत –
तीस प्रान्तों का –
निवास स्थान है भारत ,
विभिन्न धर्मों का –
सम्मान है भारत ,
अनेक भाषाओं का –
पालनहार है भारत ,
कश्मीर से कन्याकुमारी तक का-
लाल है भारत ,
गणतन्त्र दिवस हम सबका –
उपहार है भारत ,
पचहत्तर साल का बूढ़ा नहीं –
जवान है भारत …………..।।”
©अर्जुन कु. चक, गुरुग्राम, हरियाणा