लेखक की कलम से
कोहरे की लिहाफ मुबारक…
सुप्रभात
आगाज़ है अंदाज है आवाज़ है हमारा
कविराज है मुमताज है परवाज़ है
सुरतेहाल बेहाल है है यही कमाल
पत्थरबाज, धोखेबाज आज बंदानवाज है!
©लता प्रासर, पटना, बिहार
आगाज़ है अंदाज है आवाज़ है हमारा
कविराज है मुमताज है परवाज़ है
सुरतेहाल बेहाल है है यही कमाल
पत्थरबाज, धोखेबाज आज बंदानवाज है!
©लता प्रासर, पटना, बिहार