दुनिया

आयुक्त कल्पना श्रीवास्तव का तबादला भोपाल की जनता की समझ से परे ..

भोपाल {राजेन्द्र वर्मा} । मध्य प्रदेश सरकार द्वारा की गई प्रशासनिक सर्जरी में भोपाल संभाग की आयुक्त कल्पना श्रीवास्तव के तबादला से भोपाल की जनता हैरान है। ऐसा क्यों किया गया, इसे लोग समझ नहीं पा रहे हैं। जिस प्रकार आयुक्त ने जनहित में कई योजनाएं संचालित की, आम जनता का ख्याल रखा, इसे लोग भूलने तैयार नहीं हैं। प्रदेश में कई तबादले हुए, लेकिन जनता ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यह पहला अवसर है, जब भोपाल और जिलों के लोग सवाल पूछ रहे हैं कि ऐसे समाज हितैषी सरल, सहज और कर्मठ अफसर का तबादला क्यों…?? कई सामाजिक संगठन इसे सरकार का उचित निर्णय नहीं मानते।

भोपाल के लोग मानते हैं कि सामाजिक- धार्मिक सद्भाव कायमी में विशेष सहायक रही हैं। सभी वर्गों ने इनकी बातों का पूरा सम्मान किया है। इसलिये लोगों को इनका तबादला हजम नहीं हो रहा है। लोगों का मानना है कि ऐसे अफसर को ऐसे वक्त भोपाल कमिश्नर की जिम्मेदारी से मुक्त करने का निर्णय उचित नहीं है। यह ऐसी महिला अफसर हैं, जो जमीन से जुड़कर गरीबों और आम आदमी के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं। जिनकी कार्यशैली जनता के अनुरूप है। अफसरों के तबादले एक प्रक्रिया हैं लेकिन कुछ अफसर ऐसे होते हैं जिनका कठिन समय में जब भोपाल महामारी से जूझ रहा है तबादला किया जाना भोपाल को बहुत अखर रहा है। हर कोई यह सोचने को मजबूर है कि इस समय सरकार ने ऐसा कदम क्यों उठाया। एक कमिश्नर के रूप में इतनी सक्रियता बहुत कम देखने को मिलती है।

पर्यावरण बचाने, लोगों की जान बचाने, बच्चों के जीवन संवारने से लेकर कई ऐसे कार्य श्रीमती कल्पना ने किए हैं। जो इतिहास बन गए हैं। हमीदिया अस्पताल में गोल्डन ऑवर में एक्सीडेंटल केसों को तत्काल इलाज देकर जान बचाने के लिए एक भव्य यूनिट की स्थापना कराई। जिसमें 24 घंटे विशेषज्ञ चिकित्सक, स्टाफ मौजूद रहता है। जिससे सैकड़ों लोगों की जान बची है। इस यूनिट को संचालित कराने में अहम भूमिका अदा की है। जिससे कई लोगों को जीवनदान मिल रहा है। हमीदिया अस्पताल को “ए” ग्रेड की श्रेणी में लाने सभी सुविधाएं मुहैया कराई, जो एक प्राइवेट अस्पताल में होती हैं। जूडा की हड़ताल और विवादों पर भी विराम लगाने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। लोगों की जान बचाने दीर्घ कालिक सेवा भाव से कार्य किया। इसलिए हम भी लिखने को मजबूर हुए हैं। पर्यावरण एवं प्रकृति बचाने के लिए साढ़े 11 लाख पौधे लगवाए ही नहीं, इनके संरक्षण की जिम्मेदारी देकर रिकॉर्ड बनाया है। यह ऐसे कार्य हैं जिनमें अफसर बहुत कम दिलचस्पी दिखाते हैं।

भिक्षावृत्ति उन्मूलन के लिए बच्चों, महिलाओं के जीवन संवारने की योजना चलाई। जो कागज पर नहीं धरातल पर चली। पूरे संभाग में अभियान चलाकर बच्चों का स्कूलों में दाखिला, महिलाओं को स्वाबलंबी बनाया गया। ये कभी भीख न मांगे इसलिए इन्हें रोजगार से जोड़ा गया। इनके आधार, राशनकार्ड सभी नागरिक दस्तावेज तैयार कराए गए। हजारों की संख्या में गरीब, निराश्रितों को लाभ दिलाने अभियान चलाया गया। इस कार्य में कई बाधाओं का भी सामना करना पड़ा। अंतरराज्यीय गिरोह से बच्चे मुक्त कराए। इसी प्रकार ऐसे कई कार्य कर इतिहास रचे जो उल्लेखनीय हैं। इसलिए आयुक्त के तबादले से जनता बहुत दुखी है।

सरकार में लाडली लक्ष्मी योजना

पूर्व में भी लाडली लक्ष्मी, गोदभराई, सौर्या योजना प्रदेश में ही नहीं देशभर में प्रसिद्ध हुई। पंजीयन विभाग में रहते हुए सरकार के खजाने को संकट से उबारने में संकट मोचक की भूमिका निभा चुकीं हैं। सरकार की कई योजनाएं हैं, जो आज तक सुर्खियों में है। खासबात यह है कि वे दलगत व्यवस्थों से परे रहकर कार्य करतीं हैं। समाज के लिए खासकर गरीब वर्ग के लिए उनके दिल में बहुत जगह है, जो अफसरों में नहीं होती। शांत स्वभाव, बेहद सरल, जमीन से जुड़े ऐसे अफसर बहुत कम हैं। इससे इनका तो नुकसान नहीं होता बल्कि उस जरूरतमंद जनता का बहुत नुकसान हो जाता है। इनका तो मानना है कि तबादले नौकरी का हिस्सा हैं। जहां भी जाएंगे कार्य करते रहेंगे। पहली बार है जब भोपाल की जनता एक अफसर के तबादले से दुखी नजर आई।

महामारी में दिन-रात सेवा

कोरोना संक्रमण काल में आयुक्त की भूमिका बहुत खास रही है। यही कारण है कि बहुत हद तक कोरोना का संक्रमण काबू में है। कोरोनो अलर्ट के बाद आयुक्त ने डॉक्टर्स और जिले के कलेक्टर, पुलिस अफसरों के साथ बैठकर इससे निपटने की योजना बना ली थी। हमीदिया में सर्वसुविधायुक्त आइसोलेशन वार्ड से लेकर इलाज, डोर टू डोर जांच आदि की व्यवस्था कराई। लोगों को जागरुक करने स्वास्थ्य, आशा कार्यकर्ताओं की टीम लगाई। सर्वाधिक जांचें कराकर कोरोना मरीजों की पहचान की गई। लोगों की जान बचाने मृत्यु दर कम करने दिन- रात मेहनत की।

पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय से लॉक डाउन को सख्त बनाया। लोगों को परेशानी न हो इसलिए खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित की। दवाएं, सब्जी, राशन, दूध आदि अति आवश्यक सेवाओं की सुविधाएं प्रदान की गईं। लोगों की शिकायत पर मुनाफा खोरों पर तत्काल कार्यवाही हुई। लोगों को जानकारी देने और उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए कॉल सेंटर बनाये गए। कोरोना महामारी को रोकने कई स्तर पर कार्य आरंभ किये गए। यही कारण है कि बाहर से आये लोगों के कारण भी यह महामारी नियंत्रण में है।

Back to top button