लेखक की कलम से

अबकी बार होली में …

बरसें रंग हज़ार

लौटे आपस का प्यार

हो खुशियों की बौछार

सजें शहर बाजार

दुख हो जाएं बेजार

अपनत्व का, हो त्यौहार

दिल मिल जाएं अबकी बार

सौहार्द से भर जाए संसार

जीवन बन जाए एक उपहार

अबकी बार होली में।

मस्तानों की टोली में।

अबकी बार………

 

©अर्चना त्यागी, जोधपुर                   

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