छत्तीसगढ़

कपड़ा, जूते और इलेक्ट्रॉनिक के बाजार में पसरा है सन्नाटा

कोरबा {गेंदलाल शुक्ल} बीते दीवाली पर्व में कोरबा के बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ था। इसका सबसे ज्यादा असर कपड़ा, जूते और इलेक्ट्रॉनिक के बाजार में देखा गया। आम उपभोक्ता और महिलाये दुकानों तक नहीं पहुंच रहे हैं और घर बैठे ही खरीदारी कर रहे हैं।

आज पूरा देश डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रहा है। जरूरत का हर सामान महज एक फोन कॉल और मैसेज से घर पहुंच रहा है। इस तरह लोगों के पैसे और समय दोनों की बचत हो रही है। लेकिन यह तो इस वर्चुअल व्यवसाय का पहला पहलू था। इसका दूसरा पहलू यह है कि इस ऑनलाइन बाजार से शहर के छोटे बड़े कारोबारियों को भारी नुकसान सहना पड़ रहा है। ग्राहक दुकानों तक नहीं पहुंच रहे हैं और इस तरह उनका पूरा व्यवसाय ठप पड़ा है।

इसी बात से नाराज शहर के व्यापारियों ने आज पावर हाउस रोड स्थित एसएस प्लाजा में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। यह पूरा प्रदर्शन ऑनलाइन मार्केट के दो प्रमुख अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ था। इस पूरे प्रदर्शन को लेकर कैट (कन्फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड) के वरिष्ठ पदाधिकारी रामसिंह अग्रवाल ने इससे जुड़े नफ़ा-नुक्सान को सामने रखा। उन्होंने बताया कि कनफेडरेशन ऑफ ट्रेड यानी कि कैट के बैनर के तले यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महानगरों को छोड़ दिया जाए तो छोटे शहरों में भी पारंपरिक बाजार खत्म होने की कगार पर हैं। लोग लगातार ऑनलाइन सामानों की खरीदी बिक्री कर रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि खाने-पीने का सामान भी उन्हें ऑनलाइन डिलीवर किया जा रहा है। इसका सीधा खामियाजा नगर के छोटे मध्यम वर्गीय व्यवसायियों को भुगतना पड़ रहा है।

उन्होंने बताया कि कैट के तहत यह पूरा आंदोलन चलाया जा रहा है और इसकी शुरुआत देश की राजधानी दिल्ली में भी हो चुकी है, जिसके साथ ही यह पूरे भारतवर्ष में फैलेगा। उन्होंने बताया कि बीते दीवाली पर्व में कोरबा के बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ था। इसका सबसे ज्यादा असर कपड़ा, जूते और इलेक्ट्रॉनिक के बाजार में देखा गया। आम उपभोक्ता और महिलाये दुकानों तक नहीं पहुंच रहे हैं और घर बैठे ही खरीदारी कर रहे हैं। इससे व्यापारियों के सामने संकट आ खड़ा हुआ है।

श्री रामसिंह अग्रवाल ने यह भी बताया कि यह ऑनलाइन बाजार लगातार लोगों के साथ ठगी भी कर रहा है बावजूद खरीदार गैर पारंपरिक बाजार की तरफ रुख किए हुए हैं। उन्होंने आने वाले दिनों में आंदोलन को और मजबूत करने की बात कही।

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