लखनऊ/उत्तरप्रदेश

अमेठी के संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित होने पर स्वास्थ्य कर्मियों में भारी आक्रोश, बहाल करने की मांग को लेकर आंदाेलन जारी….

अमेठी. अमेठी के मुंशीगंज मार्ग स्थित अस्पताल गेट के सामने टेंट लगाकर सत्याग्रह अनशन पर बैठे कर्मियों ने नारे लगाकर अपनी आवाज बुलंद की. अस्पताल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि पहले नोटिस दी गई कि तीन माह के भीतर जवाब दें जब तक अस्पताल प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई करता उससे पहले ही 24 घंटे के भीतर अस्पताल लाइसेंस निलंबित कर दिया गया. यह आम जनता के हितों पर हमला है.

बता दें कि एक ब्राम्हण महिला की मौत होने पर प्रशासन ने संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया था। लाइसेंस निलंबित होने के बाद बुधवार को दूसरे दिन भी 400 कर्मियों का सत्याग्रह चल रहा है. ज्वाइंट फोरम ऑफ डाक्टर्स पैरामेडिकल स्टॉफ एवं कान्ट्रैक्ट वर्कर्स ऑफ संजय गांधी अस्पताल के पदाधिकारियों का दावा है कि अस्पताल का लाइसेंस बहाल होने तक आंदोलन जारी रहेगा.

बता दें कि इस अस्पताल में अमेठी के साथ ही सुल्तानपुर व प्रतापगढ़ से भी मरीज आते थे. हर दिन 800 मरीजों की ओपीडी होती थी. दूरदराज से मरीज आते थे लेकिन अब अस्पताल बंद होने से मरीजों को दिक्कत हो रही है. संयुक्त फोरम के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक अस्पताल का लाइसेंस बहाल नहीं होता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

बता दें कि कोतवाली क्षेत्र मुसाफिरखाना के गांव पांडेय का पुरवा मजरे रामशाहपुर निवासी महापंडित अनुज शुक्ला की पत्नी दिव्या शुक्ला की मौत के मामले में मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. साथ ही इमरजेंसी, ओपीडी समेत अन्य सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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