छत्तीसगढ़बिलासपुर

मलेरिया से ज्यादा डेंगू का फैलाव, 10 साल में ऐसा पहली बार, इस साल मलेरिया के 39 तो डेंगू 49 मरीज , 4 साल में …

बिलासपुर । जिले में आज भी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा ग्रामीण स्तर पर इसकी जांच की सुविधा नहीं है। क्योंकि आज भी स्वास्थ्य विभाग को यही लगता है कि यह शहर की बीमारी है। उप स्वास्थ्य केंद्रों में ना तो इसकी किट उपलब्ध करवाई गई और ना दूसरी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही। इसी का नतीजा है कि पिछले चार साल में डेंगू के केस लगातार सामने आ रहे हैं। साल 2019 में डेंगू के 36 केस मिले थे। 2020 में 19 और साल 2021 में इसके 56 केस सामने आए थे।

जिले में मलेरिया से ज्यादा डेंगू फैलने लगा है। 10 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब जिले में मलेरिया से ज्यादा डेंगू के मरीज मिले हैं। बड़ी बात ये कि डेंगू शहरों की बीमारी मानी जाती है, लेकिन यह गांवों तक फैलने लगी है। हालांकि इस साल इसके चलते मौत की पुष्टि विभाग के अधिकारी नहीं कर रहे, लेकिन जिस तरह से डेंगू फैल रहा है, उससे मलेरिया विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले के चार ब्लॉक की जनसंख्या 20 लाख करीब हैं।

इनमें जिला मलेरिया विभाग ने दो लाख लोगों की जांच की है, उसमें मलेरिया के 39 मरीज मिले हैं। यह राहत की बात है क्योंकि मलेरिया विभाग का दावा कि आने वाले साल 2024 तक उन्हें इस बीमारी से पूरी तरह जिले के मुक्त करना है। लेकिन अब डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसा क्यों हो रहा है, यह शोध का विषय बताया जा रहा। लेकिन यह बात भी निकलकर सामने आ रही कि जिस तरह मलेरिया मुक्ति का अभियान चलाया जा रहा है, उसकी तुलना में डेंगू के मरीजों को लेकर उस तरह की व्यवस्थाएं नहीं हैं।

यही कारण है कि अब इसका फैलाव सिर्फ शहर तक सीमित नहीं है, यह गांवों में भी फैलने लगा है। दोनों बीमारी मच्छरों के काटने हो रही। फिर भी शासन का ध्यान डेंगू की तरफ नहीं जा रहा। इसके चलते लगातार इसके मरीज सामने आने लगे हैं।

“जिले में जिन लोगों को डेंगू की पुष्टि हुई है उनमें ज्यादातर प्रकरण ट्रैवल हिस्ट्री वाले थे। हालांकि फिलहाल इसके मरीज नहीं है। हमारे पास दोनों बीमारियों पर ठीक सुविधा और संसाधन मौजूद है।” – डॉ. अनिल श्रीवास्तव, सीएमएचओ

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