छत्तीसगढ़बिलासपुर

जल जीवन के हर काम की हो रही जांच, टेंडर गड़बड़ी में अभी और अफसर नपेंगे …

बिलासपुर । लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में टेंडर गड़बड़ी मामले में ईई के निलंबन के बाद इसकी जांच में कम से कम दो अफसरों पर कार्रवाई होने की बात की जा रही है। यह अफसर डिवीजन स्तर, सर्किल स्तर या अन्य जिले के भी हो सकते हैं। फिलहाल अफसरों के नामों का खुलासा नहीं किया गया है लेकिन संकेत जरूर दिए गए। विधानसभा में विपक्ष के नेताओं ने जांजगीर-चांपा जिले में जल जीवन मिशन के टेंडर में 100 करोड़ रुपए की गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है।

पीएचई में के ईई एसके चंद्रा के निलंबन और विभाग के एमडी आलोक कटियार के जल जीवन मिशन के टेंडर गड़बड़ी जांच के लिए हुए दौरे के बाद यह साफ हो गया है कि अभी इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार अन्य अफसरों पर भी कार्रवाई हो सकती है। इसका संकेत खुद एमडी ने भी दौरे के दौरान दिया है। बड़ी गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए हर टेंडर की बारीकी से जांच की जा रही है। गुरुवार को ही एक ठेकेदार का वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें उसने ईई पर टंकी निर्माण के बाद भी भुगतान नहीं करने का आरोप भी लगाया है।

टेंडर में शामिल सभी दस्तावेज मानकों के अनुसार है या नहीं। 2. टेंडर बुलाने के पूर्व उसका पेपर प्रकाशन किया गया है या नहीं। 3. कौन सा टेंडर कितने समय के लिए खोला गया। 4. टेंडर में शामिल फर्म के अनुभव प्रमाण पत्र की वास्तविकता की जांच। 5. टेंडर बुलाने के पूर्व कलेक्टर का अनुमोदन लिया गया या नहीं। 6. टेंडर खोले जाने के दौरान निविदा समिति के सदस्यों को बुलाया गया या नहीं। 7. ठेकेदारों की मौजूदगी और उस दौरान हस्ताक्षरयुक्त रजिस्टर मेंटेन किया गया या नहीं। 1. ठेकेदार का वीडियो हुआ वायरल, ईई पर लगाया भुगतान नहीं करने का आरोप।

आईटीआई रामपुर कोरबा निवासी पीतांबरा कंस्ट्रक्शन के संचालक राकेश मिश्रा का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें ठेकेदार ने बताया कि पूर्व में काेरबा में पदस्थ रहे और हाल ही में निलंबित कार्यपालन अभियंता ने उसे टंकी निर्माण का काम दिया था। इसके एवज में उसने कार्यपालन अभियंता को 1.50 लाख दस परसेंट के हिसाब से सेंक्शन अमाउंट दिया था। ईई का कहना था कि उसने उसका काम इसलिए रिजेक्ट कर दिया क्योंकि उसने एसबीसी टेस्ट नहीं कराया। करोड़ों के ठेके में अधिकांश ने एसबीसी टेस्ट ही नहीं कराया और भुगतान भी कर दिया गया।

बिलासपुर प्रवास के दौरान विभाग के एमडी आलोक कटियार ने टेंडर गड़बड़ी को खुद सिस्टम फेलवर मानते हुए कहा था कि सिस्टम फेलवर में सभी की जवाबदेही है कि ऐसा नहीं होना था। उन्होंने यह भी कहा था कि कुछ घंटों के लिए टेंडर खोलना लापरवाही थी, जिस पर कार्रवाई भी की गई और उसे दुरुस्त भी किया जाएगा। मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा सभी पर कार्रवाई होगी फिर चाहे वह मैं भी क्यों न हूं।

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