मध्य प्रदेश

मुख्यमंत्री से बंद कमरे में 35 मिनट चली सत्तन की चर्चा, सत्तन बोले- संगठन की खामियों को खूबियों में बदलना होगा

सीएम से मीटिंग के बाद सत्तन ने जोशी और शेखावत को बताया स्वार्थी, कहा- सिंधिया अपनी गरज से भाजपा में आए

भोपाल/इंदौर। भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रख्यात कवि सत्यनारायण सत्तन शनिवार शाम सीएम शिवराज सिंह चौहान से भोपाल में मिले। पहले ये मुलाकात शुक्रवार को होने वाली थी, लेकिन कुछ कारणों के चलते ये मुलाकात टल गई थी, जिसके बाद सीएम ने शनिवार को सत्तन को भोपाल बुलवाया। सीएम ने सिर्फ सत्यनारायण सत्तन से ही अकेले में चर्चा की। सत्तन ने सीएम के समक्ष बेबाकी से अपनी बात रखी। करीब 35 मिनट तक बंद कमरे में हुई मुलाकात में सत्तन ने सीएम के समक्ष वही बातें रखीं, जो उन्होंने मीडिया के सामने उठाई थीं। उन्होंने सीएम को कार्यकर्ताओं की पीड़ा से अवगत कराते हुए यह भी बताया कि पार्टी के लिए तन, मन, धन से जुड़कर अपना खून-पसीना एक कर रहे कार्यकर्ता की सत्ता और संगठन से क्या अपेक्षाएं हैं।

मुलाकात के बारे में सत्तन ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ चर्चा सकारात्मक रही है। चुनाव से पहले संगठन में कसावट होगी। मुलाकात के दौरान सत्तन ने मुख्यमंत्री को कुछ सुझाव भी दिए हैं। उन्होंने सीएम को बताया कि सत्ता और संगठन में तालमेल के अभाव के चलते आम कार्यकर्ता नाराज है। उनके छोटे-छोटे काम भी नहीं किए जा रहे। कार्यकर्ताओं की सुनवाई बड़े नेता नहीं करते। इसका नुकसान पार्टी को चुनाव में उठना पड़ सकता है। इन खामियों को खूबियों में बदलने की जरुरत है। सत्तन ने कहा कि पार्टी से उनकी कोई नाराजगी नहीं है, लेकिन जो गलत हो रहा है, उसे ठीक करने की जिम्मेदारी भी तो हमारी है। उन्होंने बताया कि मुलाकात में मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि कार्यकर्ता का असंतोष दूर किया जाएगा। इस पर ध्यान दिया जाएगा। मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कमरे से बाहर आए और सत्तन के साथ गए उनके करीबी कार्यकर्ताओं से भी मिले।

दीपक जोशी और भंवरसिंह शेखावत स्वार्थी

दीपक जोशी के पार्टी छोड़कर जाने पर सत्तन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जाने में उनका स्वार्थ है। उनके पिता कैलाश जोशी जीवन भर भाजपा में रहे। जिस पिता ने कांग्रेस को ललकारा, वह अपने उसी पिता की तस्वीर लेकर कांग्रेस में जा रहा है, तो हम उसमें क्या करेंगे। जो व्यक्ति अपने पिता का नहीं हुआ, उससे अब हमारा क्या लेना देना। वहीं, अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयान पर बयान जारी कर रहे एक और वरिष्ठ भाजपा नेता भंवरसिंह शेखावत को लेकर सत्तन कहा कि वह अपने टिकट के लिए बोल रहे हैं। वे चाहते हैं कि या तो इंदौर नंबर 1 से लड़ा दो या देपालपुर से या फिर बदनावर से। यह भी उनके स्वार्थ का मामला है, मेरा उससे क्या।

सिंधिया को लेकर यह बोले सत्यनारायण सत्तन…

ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने को लेकर सत्यनारायण सत्तन ने कहा कि सिंधिया अपनी गरज के कारण भाजपा में आए हैं, भाजपा की कोई गरज नहीं थी। सिंधिया यह कहकर भाजपा में आए हैं कि कांग्रेस में उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा था, उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई जा रही थी। सिंधिया हमारे शरणागत थे। उनको पहले हमारी रीति-नीति नहीं जंचती थी, अब अच्छी लगने लग गई। उनका भी स्वार्थ भी हल हो गया। उन्होंने कहा कि जिस राजमाता ने जनसंघ को जीवन दिया, बीजेपी को मजबूत कराया, अगर अब उनके पोते सही राह पर आ गए तो क्या हम गुनहगार हो गए?

सत्तन ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ दिए थे तीखे बयान

आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से सत्तन अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में हैं। उन्होंने अपनी ही पार्टी के खिलाफ तीखे बयान दे रहे थे। भाजपा नेता सत्तन ने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में गए दीपक जोशी एवं कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी निशाना साधा था। वहीं, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में चुनाव के दौरान भी अपनी ही पार्टी भाजपा पर सवाल खड़े करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सीएम तक उनकी बात पहुंचाई, इसके बाद सीएम ने उन्हें मुलाकात के लिए भोपाल बुलाया था।

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