छत्तीसगढ़

पॉस्को एक्ट में कैद बंदी सुबह जेल से हुआ फरार, दोपहर को पुलिस ने धर दबोचा…

रायगढ़। खैरागढ़ के उप जेल में दो बंदियों के बीच मुलाकात होती है, और ऐसी दोस्ती हो जाती है कि दोनों मिलकर जेल से भागने तक प्लान बना लेते हैं. इन दो कैदियों में से एक मोहनलाल अजमेरिया मध्यप्रदेश के आगर मालवा ज़िले का रहने वाला है, जो नाबालिग बच्ची के अपहरण और बलात्कार जैसे गंभीर अपराध में उप जेल खैरागढ़ में बंद है. वहीं दूसरी लूट के अपराध में कैद राजनांदगाँव का अमित सिंह है.

खैरागढ़ से एक ऐसा चौकाने वाला सामने आया है, जिसे सुनकर आप कह उठेंगे, कहानी पूरी फिल्मी है. पटकथा के दो किरदार – जेल में कैद बंदी हैं, जो अन्य कैदियों की मदद से जेल से भागने का प्लान बनाते हैं. एक कैदी जेल की दीवार को तो फांद जाता है, लेकिन चंद घंटों बाद पकड़ा जाता है. दूसरा कैदी जेल में ही धरा जाता है.

जानकारी के अनुसार, दोनों कैदियों ने मिलकर जेल की तेइस फीट दीवार फांदने की योजना बनाई. दीवार फांदकर मोहनलाल तो फ़रार हो गया, लेकिन अमित सिंग जेल कंपाउंड में ही धरा गया. मोहनलाल के फ़रार होने की सूचना पर तुरंत हरकत में आए पुलिस विभाग ने ग्रामीणों की सहायता से मोहनलाल को ग्राम बफरा के खेतों में धर दबोचा. फ़िलहाल, दोनों कैदियों पर धारा 224 के तहत कार्यवाही की जाएगी. लेकिन जेल प्रशासन की चूक और बाक़ी सहायकों पर क्या कार्रवाई होती है, यह बड़ा सवाल है.

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