छत्तीसगढ़

सौर सुजला योजना से छत्तीसगढ़ के किसानों की बढ़ रही आय, क्रेडा ने अब तक 1694 सोलर पंप किए स्थापित ….

रायपुर। सिंचाई हेतु सोलर पंप स्थापित कर किसान अपनी आय दुगुनी कर रहें है। किसानों की जागरूता के कारण अब कोई भी ग्राम सोलर पंप स्थापना से वंचित नहीं रहा है। सोलर पंप स्थापना से कृषकों के आय में दोगुना बढ़ोतरी होने के साथ कृषकों द्वारा लगातार सोलर पंप स्थापना हेतु मांग की जा रही है। क्रेडा द्वारा अब तक कुल 1 हजार 694 नग पंप स्थापित किये जा चुके है। किसानों के साथ-साथ गौठान एवं चारागाहों में भी सोलर पंप स्थापित किये जा रहे हैं। कई ऐसे ग्राम हैं जहां पर 15-20 नग पंप स्थापित हैं।

राज्य शासन द्वारा ‘सौर सुजला‘ योजना अंतर्गत स्थापित की जाने वाली सोलर पंप का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना है। सोलर पंप के उपयोग से राज्य में कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ भू-जल के संरक्षण एवं संवर्धन तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायता मिल रही है। कलेक्टर एस जयवर्धन ने कहा कि सौर सुजला योजना से किसानों को बड़ी राहत मिली है और वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहे हैं।

किसानों को विद्युत हेतु किसी भी प्रकार का बिजली बिल नहीं देना पड़ रहा है, जिससे किसानों को अनावश्यक खर्चों से मुक्ति मिली है। सोलर पंप स्थापना से शासन के करोड़ों रूपए की बिजली की बचत हो रही है व जमीन के दोहन, कोयला की बचत एवं कोयले के जलने से उत्सर्जित होने वाले कॉर्बन डाईऑक्साईड व धुंए से मुक्ति मिल रही है।

मानपुर विकासखण्ड के ग्राम मुंजाल ऊपरपारा के किसान धनीराम ने अपने खेत में सोलर पंप स्थापित किया है। धनीराम ने बताया कि उनके खेत में 3 एचपी क्षमता के सोलर पंप स्थापित है जहां पर लगभग 3-5 एकड़ जमीन है। पहले सिंचाई का साधन नहीं होने के कारण मानसून निर्भर रहते थे तथा समय पर वर्षा नहीं होने के कारण फसल बर्बाद हो जाता था।

पहले कुल जमीन से लगभग आय 10 से 15 हजार होती थी। सोलर पंप लगने के बाद उसी खेत में अब सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था होने से 1 लाख रूपए के धान का उत्पादन हो रहा है। धान की फसल कटने के बाद 3 एकड़ में भुट्टा लगाते है, जिससे 1 लाख 50 हजार रूपए की अतिरिक्त आय होती है।

अंबागढ़ चौकी विकासखंड के ग्राम आड़ेझर (बोइरडीह) के किसान सोनसाय ने बताया कि उनके खेत में 3 एचपी क्षमता के सोलर पंप स्थापित किया गया है। पहले धान पैदावार कर आय 15 हजार रूपए तक होती थी। सोलर पंप लगने के बाद धान के साथ-साथ सब्जी, भाजी उत्पादन कर कुल आय 1 लाख 50 हजार रूपए तक हो रही है।

उन्होंने बताया कि अपने खेत के साथ-साथ पास में लगे हुये अपने परिवारों के खेतों हेतु पानी देता हुं तथा वह लोग भी धान की फसल कटने के बाद। गेहूं, चना, सब्जी जैसे भटा, गोभी, बरबट्टी, टमाटर आदि उत्पादन करते है जिसमें उनको भी अतिरिक्त लगभग 40 से 50 हजार रूपये की आय होती है। जिला अधिकारी क्रेडा  ने बताया कि यह उन किसानों के लिये लाभदायी है, जिसके पास सिंचाई हेतु उचित व्यवस्था नहीं होती है या किसान के खेत तक विद्युत विस्तार लाईन का व्यय अत्यधिक होने के कारण वहन न करने की स्थिति में केवल मानसून पर ही निर्भर रहते हैं। वर्षा होने का इंतजार करते हैं। जिससे कृषक आर्थिक रूप से कमजोर हो जाते है। ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन की पहल एवं वित्तीय सहयोग से क्रेडा द्वारा सौर सुजला योजना के माध्यम से सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई पंप की स्थापना का कार्य किया जा रहा हैं।

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