राजस्थान

राजस्थान के पोखरण में सैन्य अभ्यास ‘भारत शक्ति’ का अवलोकन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे कल

पोखरण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 मार्च को राजस्थान के पोखरण में सेना के तीनों अंगों की भागीदारी वाले सैन्य अभ्यास ‘भारत शक्ति' का अवलोकन करेंगे, जिसमें स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का समन्वित प्रदर्शन किया जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने रविवार को एक बयान में कहा कि मोदी कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए मंगलवार को गुजरात का भी दौरा करेंगे। 

बयान में कहा गया है कि ‘भारत शक्ति' के दौरान, देश को आत्मनिर्भर बनाने की पहल के आधार पर स्वदेश विकसित हथियार प्रणालियों और प्लेटफॉर्म की एक श्रृंखला प्रदर्शित की जाएगी। इसमें कहा गया कि यह अभ्यास भूमि, वायु, समुद्र, साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र में खतरों का मुकाबला करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की एकीकृत परिचालन क्षमताओं को प्रदर्शित करेगा। 

पोखरण में सैन्य अभ्यास भारत शक्ति का करेंगे अवलोकन

प्रधानमंत्री मोदी 12 मार्च को पोखरण में सेना के तीनों अंगों की भागीदारी वाले सैन्य अभ्यास 'भारत शक्ति' का अवलोकन करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि 'भारत शक्ति' के दौरान स्वदेश विकसित हथियार प्रणालियों की श्रृंखला प्रदर्शित की जाएगी। इस अभ्यास में भूमि, वायु, समुद्र, साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र में खतरों का मुकाबला करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की एकीकृत परिचालन क्षमताओं का प्रदर्शन किया जाएगा।

देश के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को अपनी अहमदाबाद यात्रा के दौरान 85 हजार करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। वह रेलवे वर्कशाप, लोको शेड, पिट लाइन/कोचिंग डिपो की आधारशिला भी रखेंगे।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी पटना-लखनऊ, न्यू जलपाईगुड़ी-पटना, लखनऊ-देहरादून, रांची-वाराणसी और खजुराहो-दिल्ली समेत 10 रूटों पर वंदे भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे। वह 50 रेलवे स्टेशनों पर प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र का भी उद्घाटन करेंगे।

साबरमती आश्रम परियोजना के मास्टरप्लान की शुरुआत

प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को अहमदाबाद में 'आश्रम भूमि वंदना' करेंगे और साबरमती आश्रम स्मारक परियोजना के मास्टरप्लान की शुरुआत करेंगे। इस परियोजना पर 1,200 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। इस परियोजना का लक्ष्य वर्तमान और भविष्य की पीढि़यों के लिए महात्मा गांधी की शिक्षाओं और दर्शन को पुनर्जीवित करना है।

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