मध्य प्रदेश

पुलिस सेवा मीट: सीएम बोले- सायबर क्राइम, नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर नियंत्रण और पुलिसिंग पर विमर्श के लिए हो कॉन्क्लेव

मध्यप्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर, देश में मध्यप्रदेश पुलिस की है अलग पहचान- सीएम

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश पुलिस ने कोरोना के कठिन काल में सड़क पर देश-भक्ति और जन-सेवा के भाव को चरितार्थ किया है। जब सभी लोग घरों में थे, तब पुलिस के जवान और अधिकारियों ने अपनी जान हथेली पर रख, सर पर कफन बांध कर व्यवस्थाएँ संभाली और लोगों की मदद की। मध्यप्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति निश्चित रूप से बेहतर है, प्रदेश को शांति का टापू माना जाता है। हमें साइबर क्राइम, नशे की बढ़ती लत और टूटते सामाजिक मूल्यों की चुनौतियों के साथ बेहतर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्य-योजना और रणनीति पर विचार करने की आवश्यकता है।

वर्ष 2047 तक पुलिसिंग का स्वरूप क्या होगा, क्या चुनौतियाँ होंगी, इस पर विचार-विमर्श के लिए भोपाल में कॉन्क्लेव किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर भी आईजी, एसपी, एसडीओपी, इंस्पेक्टर सहित अन्य अमले के साथ ब्रेन स्टार्मिंग सेशन किए जाएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में भारतीय पुलिस सेवा मीट 2023 के शुभारंभ-सत्र को संबोधित कर रहे थे। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना और आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन माहेश्वरी विशेष रूप से उपस्थित थे। मीट में भोपाल तथा जिलों में पदस्थ आईपीएस तथा मध्यप्रदेश कैडर के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी शामिल हुए।

देश की अखण्डता, एकता बनाए रखने में एमपी पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि देश में मध्यप्रदेश पुलिस की अलग पहचान है। प्रदेश में दस्यु उन्मूलन, नक्सल गतिविधियों पर नियंत्रण का मामला हो या कश्मीर में कबाइलियों की घुसपैठ, देश के उत्तरी-पूर्वी राज्यों की अशांति हो या पंजाब का आतंकवाद, प्रदेश पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों ने अपने दायित्व और कर्त्तव्यों का पूरी प्रतिबद्धता के साथ निर्वहन किया। देश की अखण्डता और एकता को बनाए रखने में मध्यप्रदेश पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, हमें उन पर गर्व है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पूर्व अधिकारी के.पी.एस. गिल, सरबजीत सिंह, विजय यादव तथा श्री डोभाल के योगदान का उल्लेख भी किया।

पुलिस अपने समाज-सुधारक स्वरूप का विस्तार करे

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश पुलिस के अधिकारियों की निर्णय क्षमता और प्रभावी कार्यवाहियों का ही परिणाम है कि वर्तमान में प्रदेश में कोई दस्यु गिरोह नहीं बचा है। हॉक फोर्स द्वारा नक्सलियों पर की गई कार्यवाही बड़ी उपलब्धि है। माफियाओं और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों की कमर तोड़ना जरूरी है। प्रदेश में ऐसे तत्वों से 23 हजार एकड़ भूमि मुक्त कराई गई है। यह भूमि गरीबों में बाँटी जाएगी। बहन-बेटियों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएँ चिंताजनक हैं। प्रत्यक्ष अपराधियों पर तो पुलिस नियंत्रण कर रही है, परंतु समाज में विद्यमान इस बुरी मानसिकता के विरूद्ध जागरूकता और वातावरण निर्माण की आवश्यकता है। सायबर क्राइम, चिटफंड कम्पनियों और नशे की गतिविधियों में लगे व्यक्तियों के विरूद्ध व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाना आवश्यक है। इन गतिविधियों के संबंध में जागरूकता से जन-सामान्य में सतर्क और सावधान रहने की प्रवृत्ति बढ़ती है। इसके सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। प्रदेश पुलिस को सामुदायिक पुलिसिंग को प्रोत्साहित करना होगा और अपने समाज सुधारक स्वरूप को विस्तार देना होगा।

सबके सुख-दुख का ध्यान रखें पुलिस अधिकारी: तुलसीदास जी के दोहे से लें प्रेरणा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों से अपने पद की गरिमा के अनुरूप कार्य और व्यवहार अपेक्षित है। अवैध गतिविधियों में इनकी लिप्तता के संबंध में चल रही अफवाहें और समाचार सम्पूर्ण पुलिस व्यवस्था की छवि खराब करते हैं। पुलिस अधिकारी अपने अधीनस्थों के सम्मुख आदर्श प्रस्तुत करते हुए उन्हें नेतृत्व प्रदान करें। तुलसीदास जी के दोहे – “मुखिया मुख सो चाहिए, खान-पान को एक। पालै पोसै सकल अंग, तुलसी सहित विवेक” के अनुरूप अधिकारियों का व्यवहार हो। पुलिसकर्मियों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहें। यह भी देखें कि पुलिस बल में कोई भी व्यक्ति कुंठा और तनाव से प्रभावित न हो। मुखिया की तरह सबके सुख-दुख का ध्यान रखना पुलिस अधिकारियों का दायित्व है।

पुलिस अधिकारी अपनी व्यस्तता के कारण पारिवारिक दायित्व से मुंह न मोड़ें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पुलिस अधिकारी अपनी व्यस्तता के कारण पारिवारिक दायित्व से मुँह न मोड़ें। बच्चों का एकाकी जीवन उन्हें नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। अपने जीवन साथी और बच्चों के प्रति स्नेह, अपनत्व का व्यवहार रखते हुए उनकी प्रसन्नता और खुशहाली की ओर सचेत रहना देश-भक्ति और जन-सेवा जैसा ही जरूरी है।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- शिवराज ‘सिंघम’ जैसा अवतार

आईपीएस सर्विस मीट में मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश पुलिस की तारीफ की। कहा कि पुलिस ने 6 महीने में सारे डकैत खत्म कर दिए। देश को मध्यप्रदेश  पुलिस पर गर्व है।। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- जब तमाम डकैतों का आतंक था, तब लगभग सिंघम जैसा अवतार सीएम शिवराज का हुआ। आज आपको जानकर अचंभा होगा कि प्रदेश में अब एक भी संगठित गिरोह नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे याद है, दो अधिकारी थे, अब रिटायर्ड हो गए हैं, लेकिन तब उनको बुलाकर मैंने बातचीत की थी। मैंने कहा था कि हम डकैत कैसे खत्म करें? उन्होंने मुझसे एक ही बात कही थी कि जिनके नाम हम तय करें, वही पोस्ट हो जाएं और उनके काम में कोई इंटरफेयर न हो। मुझे अच्छी तरह याद है कि दोनों जोन में एक जगह सर्वजीत सिंह साहब को भेजा था, दूसरी तरफ से विजय यादव जी को भेजा था। फिर इसके बाद मुझे लगता है 6 महीने के अंदर सारे डकैतों के गिरोह समाप्त हो गए, तब से आज तक वह पनपे भी नहीं।हमारे पुलिस के साथी अपने कर्तव्यों की पूर्ति के लिए दिन-रात काम में जुटे रहते हैं। मध्यप्रदेश पुलिस पर गर्व है और देश भी मध्यप्रदेश पुलिस पर गर्व करता है। अनेक उपलब्धियां मध्य प्रदेश पुलिस के खाते में हैं। अब चाहे वह डकैतों का उन्मूलन हो, आतंकवाद का खत्मा हो, नक्सलवाद पर नियंत्रण हो या फिर सिमी के नेटवर्क पर नियंत्रण लगाना हो, मध्यप्रदेश पुलिस ने अनेकों चुनौतयों का मुकाबला किया है।

स्वतंत्रता के बाद देश के 27 आईपीएस हुए शहीद – डीजीपी

पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने कहा कि लंबे समय के बाद इंडियन पुलिस सर्विस मीट से पुलिस परिवार में हर्ष और प्रसन्नता है। मध्यप्रदेश पुलिस की देश की आंतरिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। स्वतंत्रता के बाद देश के 27 आई.पी.एस. कर्त्तव्य की बलिवेदी पर शहीद हुए हैं। वर्तमान में भी प्रदेश कैडर के अधिकारी देश के विभिन्न अंचल में महत्वपूर्ण पदों पर पूरे मनोयोग से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उपस्थित अधिकारियों से अनौपचारिक चर्चा भी की।

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