मध्य प्रदेश

सीएम शिवराज सिंह शनिवार को फिर बने मोटिवेशनल स्पीकर, युवा समागम में अपनी जिद, जूनून और जीत की पूरी कहानी सुनाई

सीएम बोले- काम शुरू करो कारवां बन जाएगा पहली यात्रा में सिर्फ दो लोग साथ थे, आज करोड़ों लोगों की सेवा का अवसर मिला है

भोपाल। शनिवार को राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में युवा समागम हुआ। इसमें 20 हजार से ज्यादा युवा जुटे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं को लीडरशिप के गुर दिए। उन्होंने कहा कि मन में जिद-जुनून और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, तो कुछ भी कर सकते हैं। अब मुझे ही देख लीजिए। छोटी उम्र में मजदूरों की रैली के दौरान चाचाजी ने खूब पीटा। वो पिटाई आज भी याद है, लेकिन मैं रुका नहीं। बुधनी में निकाली पहली पदयात्रा जब शुरू हुई थी, तब सिर्फ दो लोग थे, लेकिन समापन हुआ तो 7 हजार लोगों की भीड़ थी। मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद ने शनिवार को जंबूरी मैदान पर सामुदायिक नेतृत्व युवा समागम का आयोजन किया। इसमें प्रदेशभर से 20 हजार से ज्यादा युवा जुटे। इस दौरान सीएम ने जन अभियान परिषद से जुड़ी कई घोषणाएं भी कीं।

यूं सुनाई शिवराज ने अपनी जीवन कथा

सीएम ने कहा कि नेतृत्व करने की क्षमता कैसे विकसित होती है, ये मैं आपको बताता हूं। मेरे गांव जैत की आबादी 1200-1300 से ज्यादा नहीं थी। मैं सामान्य और छोटे किसान परिवार में पैदा हुआ। मन में जिद थी, जुनून था, जज्बा था कुछ करने का। मुझे बचपन में ही पढ़ने के लिए भोपाल भेज दिया था। परिवार ने सोचा कि पढ़ लेगा तो सरकारी नौकरी मिल जाएगी, लेकिन मेरे मन में चेतना जागी कि कुछ कर शिवराज। केवल पढ़ने से काम नहीं चलेगा। फिर मैंने गीता जी और स्वामी विवेकानंद की जीवनी भी पढ़ी तो लगा कि पढ़ने के साथ कुछ और कर। तब मुझे पता चला कि गांव में मजदूरी बहुत कम मिलती है।

इस तरह की राजनीति की शुरूआत

सीएम ने कहा कि एक जमाना था, जब मजदूरी पैसे में नहीं, अनाज के जरिए दी जाती थी। तब अनाज को नापते थे, तौलते नहीं थे। पाई और कुड़ा होता था। पाई मतलब सवा किलो अनाज। कुड़ा मतलब पांच पाई। तब ढाई पाई मजदूरी मिलती थी। इसलिए मैंने गांव के मंदिर में मजदूर इकट्ठा किए। उम्र कम थी, सातवीं में पढ़ता था। थोड़े से ही मजदूर आए। मैंने मजदूरों से कहा कि देखो भाई… मजदूरी बहुत कम मिलती है, हमें कुछ करना चाहिए। मजदूर बोले कि हम क्या कर सकते हैं भैया। फिर हमने कहा कि आंदोलन करो। मैं तुम्हारे साथ हूं और जुलूस निकालने का तय किया।

पहले ही आंदोलन में हो गई पिटाई

लालटेन की रोशनी में रात में फिर मीटिंग की और तय किया कि ढाई पाई नहीं, पांच पाई लेंगे, वरना काम बंद करेंगे। जुलूस निकला। एक मजदूर ने लालटेन सिर पर रख लिया। नारे लगाते हुए गांव से गुजरने लगे। मैं आगे-आगे था और मजदूर पीछे-पीछे। जैसे ही जुलूस हमारे घर के दरवाजे पर पहुंचा तो लठ लेकर मेरे चाचाजी आ गए और बोले- आओ मैं देता हूं मजदूरी। जैसे ही उन्होंने लठ उठाया, मजदूर भाग निकले और मैं पकड़ लिया गया। और इसके बाद वो धुनाई हुई, जिसे मैं आज तक नहीं भूला। हमारा आंदोलन वहीं खत्म हो गया, लेकिन मैं बैठा नहीं।

पिटाई के बाद भी मैं रुका नहीं..

पिटाई होने के बावजूद, कुछ समय बाद बुधनी में पार्टी का काम खड़ा करने के लिए पदयात्रा करने की सोची। सलकनपुर मंदिर में देवी जी के दर्शन करने के बाद पद यात्रा शुरू कर दी। साथ में एक साथी थे। इस तरह पदयात्रा में हम दो ही थे। दोनों निकल पड़े। हम गांव-गांव घूमे और नारे लगाते। धीरे-धीरे लोग जुडऩे लगे। संग होने वाले पक्के साथी बन गए। फिर हमने नील की पुडिय़ा खरीदी और पानी में घोलकर दीवारों पर लिखते कि 4 अप्रैल चलो बुधनी…।

दो लोगों के साथ शुरू की पदयात्रा, समापन पर 7 हजार हो गए

सीएम ने बताया कि चार-पांच दिन में यह बात फैल गई कि मोड़ा (शिवराज) बोले अच्छा है। पान गुड़ारिया गांव पहुंचा तो वहां माइक पर खूब बोला। तब से मेरा भाषण माइक पर होने लगा। इस बीच मैंने पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा जी को फोन लगाया। मैंने समापन पर उन्हें बुलाया, तो उन्होंने कहा कि बुधनी में चार लोग तो इकट्टा होते नहीं। वहां क्या रखा है? इसके बाद मैं चुप हो गया। फिर भी हम चलते रहे और जब समापन हुआ तो सात हजार लोग पदयात्रा में शामिल थे। उन्होंने कहा कि मैं गांव का लड़का था। पैदल घूमता था, मोटर गाड़ी नहीं थी। आज प्रदेश की साढ़े 8 करोड़ जनता की जिंदगी की जवाबदारी मिली है। चुप नहीं बैठ सकता।

मेरी उम्र आपको लग जाए…

मुख्यमंत्री शिवराज जब युवाओं को नेतृत्व क्षमता के बारे में बता रहे थे, तब उन्होंने अपनी उम्र का भी जिक्र किया। बोले कि मेरी उम्र 63-64 साल हो गई है। और कितना जीऊंगा 10 साल, 15 साल, 20 साल। तभी सामने खड़ी सलोनी सोनार बोली कि मामा जी हमारी उम्र आपको लग जाए। इस पर शिवराज बोले कि मेरी उम्र भी तुम्हें लग जाए बेटी। सलोनी कन्नौद से आई थी। मंच पर जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष जितेंद्र जामदार, विभाष उपाध्याय, विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश गुप्ता, कार्यपालक निदेशक धीरेंद्र पांडे, महापौर मालती राय आदि मौजूद थे। परिषद के महानिदेशक प्रो. बीआर नायडू ने पाठ्यक्रम के बारे में बताया। मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास समाज कार्य स्नातक एवं परास्नातक स्तर के कोर्स के बारे में भी बताया।

शिवराज ने युवाओं में जोश भरते हुए ये पंक्तियां भी सुनाईं

तू जो चाहे पर्वत-पहाड़ों को तोड़ दे, तू जो चाहे नदियों को मोड़ दे

तू जो चाहे धरती को अंबर से जोड़ दे, तू जो चाहे माटी से अमृत निचोड़ दे।

उठ कर चल दो हिम्मत और जुनून के साथ, जमाना तुम्हारे पीछे होगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवा समागम कार्यक्रम में विकास यात्रा के ‘लोगो’ का अनावरण किया।

सीएम शिवराज सिंह ने की ये प्रमुख घोषणाएं

सामुदायिक नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए नोडल एजेंसी जन अभियान परिषद होगी। यह कोर्स शासन के अन्य नियमित पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों के समतुल्य माना जाएगा। उच्च शिक्षा और अन्य विभाग की योजनाओं का लाभ इस पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को मिलेगा। सामुदायिक नेतृत्व प्रशिक्षण योजना के चयनित विद्यार्थियों की योजनाओं में जन-भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों में कम्युनिटी इंगेजमेंट/इन्टर्नशिप प्रोजेक्ट की व्यवस्था की जाएगी। छात्र-छात्राओं को शासन की योजनाओं के मूल्यांकन के लिए अधिकृत किया जाएगा। इनके लिए मानदेय की व्यवस्था भी रहेगी।

सीएम शिवराज सिंह ने युवा समागम में क्रिस्प द्वारा नवनिर्मित लर्निंग मैनेजमेंट पोर्टल एवं विद्यार्थी एप का लोकार्पण किया।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने युवा समागम कार्यक्रम में ‘जलम् जीवनम्’ पत्रिका का विमोचन किया।

युवाओं से है आशा

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के नेतृत्व में आम जनता को योजनाओं का लाभ मिले। स्वामी विवेकानंद जी तो 100 ऊर्जावान युवाओं को विकास के लिए जरूरी मानते थे। हमारे पास 22 हजार से अधिक ऊर्जावान युवा हैं, जो नेतृत्व प्रशिक्षण लेकर समाज के‍ विकास में जुटेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर ग्राम और शहर का गौरव दिवस मनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश के नागरिक आगे आ रहे हैं। सभी लोग किसी न किसी रचनात्मक कार्य से जुड़े हैं। इनमें पौधे लगाने से लेकर स्कूल, आँगनवाड़ी केन्द्र और छात्रावास गोद लेकर वहाँ व्यवस्थाएँ बेहतर बनाने का कार्य शामिल हैं।

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