मध्य प्रदेश

प्रशिक्षण विशिष्टताओं के आदान-प्रदान का मंच : राज्यपाल

राज्यपाल से राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के प्रशिक्षु अधिकारियों ने की सौजन्य भेंट

भोपाल।राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि प्रशिक्षण का आयोजन ज्ञान और सांस्कृतिक विशिष्टताओं  के आदान-प्रदान का प्रभावी मंच होता है। हर एक व्यक्ति का आचरण, व्यवहार और जीवन शैली अलग-अलग होती है। प्रशिक्षण एक दूसरे को समझने का अविस्मरणीय अवसर होता है। राज्यपाल श्री पटेल सोमवार को राजभवन में राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे। आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी द्वारा मध्यप्रदेश में प्रशिक्षण का संयोजन किया गया है। प्रशिक्षु अधिकारी राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय में संचालित प्रशिक्षण के दौरान भारत भ्रमण के क्रम में मध्यप्रदेश आए हैं।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश भारत का हृदय प्रदेश है, जहाँ भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत की एक समृद्ध परम्परा है। राज्य में गण और तंत्र की सहभागिता से विकास के कार्य तेज गति से हो रहे हैं। समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों, खनिज भण्डारों के साथ ही आर्थिक, औद्योगिक, इन्फ्रा-स्ट्रक्चर की उपलब्धता और कृषि उत्पादन में भी यह अग्रणी राज्य है। कृषि अधो-संरचना निर्माण, जैविक और मत्स्य उत्पादन में प्रदेश देश का अग्रणी राज्य है जिसे राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कार मिले हैं। स्वच्छता की दृष्टि से पूरा प्रदेश भारत में स्वच्छतम प्रदेश के रूप में अपनी अलग पहचान बना रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में प्रदेश को 16 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। प्रदेश के 77 नगरीय निकाय को भी स्टार रेटिंग मिली है।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश के इंदौर शहर ने औद्योगिक विकास के साथ स्वच्छता और वेस्ट मेनेजमेंट में पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है। यहाँ एशिया के सबसे बड़े जैव सीएनजी संयंत्र का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश की विशिष्ट पहचान करीब पौने दो करोड़ जनजातीय आबादी है, जो राज्य की आबादी का 21 प्रतिशत से अधिक है। मौलिक कौशल और स्वाभाविक सादगी, परम्परागत सामर्थ्य और कौशल के साथ जीवन जीने की कला जनजातीय जीवन की विशिष्ट पहचान है। जनजातियों द्वारा सदियों से उगाये जा रहे मोटे अनाज आज इको फ्रेंडली ऑर्गेनिक खेती के उत्पाद के रूप में विश्व में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रशिक्षण में प्राप्त अनुभवों और ज्ञान को प्रशिक्षु अधिकारी पारस्परिक रूप से साझा करेंगे। भविष्य में निरंतर अपने उत्कृष्ट कार्यों से राष्ट्र और समाज के निर्माण में सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से प्रशिक्षण के बाद पुनः परिजन के साथ मध्यप्रदेश के पर्यटन गंतव्यों की यात्रा का अनुरोध भी किया।

एयर फोर्स हेडक्वार्टर के अमरनाथ सिन्हा ने प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के सम्बन्ध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभिन्न विचारों पर अंतर्राष्ट्रीय चिंतन के लिए विभिन्न देशों के प्रतिरक्षा और सिविल अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय में किया जाता है। प्रशिक्षण का उद्देश्य उच्च पदों पर कार्य के लिए सक्षम बनाना है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण का 63 वें कोर्स में 120 अधिकारी प्रशिक्षणाधीन हैं। इनमें ब्रिगेडियर एवं समकक्ष स्तर के थलसेना के 42, वायुसेना के 13,  नौसेना के 7, सिविल सेवा के 18 और अन्य देशों के 40 अधिकारी शामिल हैं। प्रदेश भ्रमण के लिए आए विदेशी अधिकारियों में यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, रूस, नेपाल और मंगोलिया के अधिकारी शामिल हैं। यूनाइटेड किंगडम के ग्रुप केप्टेन नील जोन्स ने प्रशिक्षु अधिकारियों की ओर से आभार प्रदर्शन किया।

राज्यपाल श्री पटेल को स्मृति चिन्ह राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के कोर्स डायरेक्टर वीरेन्द्र सिंह यादव ने भेंट किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत उद्बोधन अकादमी के संचालक मुजीबुर्रहमान खान ने दिया। अकादमी की विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी श्रीमती रश्मि बघेल ने आभार माना। कार्यक्रम का संचालन प्रमोद चतुर्वेदी ने किया।

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