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फणीश्वरनाथ रेणु को मैला आंचल से मिली उपलब्धि एक मिसाल- पीके मिश्रा

पटना। पंजाब नैशनल बैंक के मण्डल कार्यालय, पटना (दक्षिण) में 4 मार्च को स्वाधीनता सेनानी, कालजयी साहित्यकार, पद्मश्री फणीश्वरनाथ रेणु की शत-वार्षिकी पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मण्डल प्रमुख ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु न केवल बिहार बल्कि भारत का गौरव हैं। आरपी पोद्दार ने उनकी रचना ‘’मारे गए गुलफ़ाम’पर बनी फिल्म ‘तीसरी कसम’का जिक्र किया। जिसमें राजकपूर और वहीदा रहमान की मुख्य भूमिका रहीं। उन्होंने कारोबार संवृद्धि में साहित्य और समाज की उल्लेखनीय भूमिका पर प्रकाश डाला।  

आरपी पोद्दार, मण्डल प्रमुख बैठक को संबोधित करते हुए उप मण्डल प्रमुख पीके मिश्र ने फणीश्वरनाथ रेणु की प्रसिद्ध रचना ‘परती परिकथा’ का विशेष उल्लेख किया। मिश्र ने यह भी बताया कि फणीश्वरनाथ रेणु को जितनी ख्याति हिंदी साहित्य में अपने उपन्यास मैला आँचल से मिली, उसकी मिसाल मिलना दुर्लभ है।

इस अवसर पर मण्डल कार्यालय से उप मण्डल प्रमुख अंजना सिंह, उप मण्डल प्रमुख उदय तिवारी तथा सस्त्र प्रभाग एवं अंचल जोखिम प्रबंधन कक्ष के स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।

संगोष्ठी के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन करते हुए वरिष्ठ प्रबंधक (राजभाषा) डॉ. साकेत सहाय ने सभी उपस्थितों का आभार व्यक्त करते हुए रेणु के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। हिंदी के अमर शब्द शिल्पी एवम लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सहयोगी फणीश्वरनाथ रेणु ने आंचलिक बोलियों को अपनी लेखनी के माध्यम से राष्ट्रभाषा हिंदी में सशक्तता एवं जीवंतता के साथ उपस्थित किया। उन्होने बताया कि ‘मैला आँचल’ की शब्दावली हिंदी की राष्ट्रभाषा के रूप में जीवंतता को स्थापित करती हैं।

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