सचीपुरम के लोग करेंगे नगरीय चुनाव का बहिष्कार
मुंगेली । जिले में स्थित सचीपुरम कॉलोनी में लगभग 100 मकान बने हैं। जहाँ मूलभूत समस्याओं का अंबार है, यहाँ रहने वाले लोग गंदगी और असुविधा के बीच रहने मजबूर हैं पर यहाँ कोई झांकने तक नहीं पहुँचा और ना ही किसी ने वार्ड के लोगों की सुध ली। जिससे सचीपुरम के रहवासी खासे आक्रोशित हैं और उन्होंने साफ कह दिया है कि आगामी निकाय चुनाव के दौरान किसी भी पार्टी के प्रत्त्याशी सचीपुरम कालोनी में वोट मांगने न आएं।
उन्होंने कहा है की कांग्रेस-भाजपा सहित अन्य पार्टियों के पार्षद प्रत्त्याशी कालोनी में प्रचार करने के लिए न आएं क्योंकि यहाँ के लोगों को न तो मूलभूत सुविधा मिल पाई है और न ही कालोनाइजरों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही की गई हैं। पिछले कई सालों से सचीपुरम कालोनी के रहवासी नारकीय जीवन जीने मजबूर हैं।
वहीं कालोनी बसाते समय कालोनाइजर के द्वारा लोक-लुभावने वादे किए गए थे कि, यहाँ सीसी रोड, नाली, बिजली, पानी प्रवेश द्वार जैसे तमाम वादे किए गए थे पर आज स्थिति उल्टी है। न तो रोड, न नाली जो मूलभूत सुविधा मिलनी चाहिए थी वो भी नहीं दी गयी है। शहर के मध्य में होने के चलते यह कालोनी में प्लाट हाथों हाथ बिक गया। मगर सुविधा नहीं मिलने से कालोनीवासी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
सालों से सिर्फ आश्वासन का झुनझुना
सालों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित लोगों के साथ वोट की राजनीति की जा रही नेता राजनीतिक रोटी सेकने चुनाव के वक्त बड़े-बड़े वादे करते हैं पर चुनाव जीतने के बाद गिरगिट की तरह रंग बदल लेते हैं। पहले विधानसभा, फिर लोकसभा चुनाव के दौरान तो ऐसा लग रहा था मानो कॉलोनीवासियों की सारी समस्याओं का निराकरण हो जाएगा पर उन्हें क्या पता था की हर बार की तरह इस बार भी आश्वासन का झुनझुना थमा दिया गया।
वोट की राजनीति
चुनाव के वक्त सचीपुरम कॉलोनी वैध हो जाती पर जब उम्मीदवार चुनाव जीत जाता है तो कॉलोनी अवैध होने के बात कही जाती है। यही कारण है आज भी यहाँ के रहवासी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, कॉलोनीवासी के साथ सिर्फ वोट की राजनीति की जा रही है जिसे देखते हुए यहाँ रहने वाले लोग अब पार्षद चुनाव में वोट नहीं करने का फैसला लिया है। कालोनीवासियों ने विरोध स्वरूप कालोनी में चुनाव बहिष्कार का बैनर लगा कर रोष व्यक्त किया है।
वहीं कालोनीवासियों ने प्रशासन से निवेदन किया है कि अब जब भी कोई कालोनी या या कोई प्लाट की बिक्री हो तो पहले नगर पालिका की noc जरूरी की जाए, जिससे उस खरीददार को पता चले कि जिस प्लाट को ले रहा है वो अवैध है कि वैध। अगर कोई भी कालोनाइजर प्लाटिंग करेगा तो टाउन एंड कंट्री के तहत प्लाटिंग करेगा और फिर लोगों को सुविधाएं मिल सकेगी।
मुंगेली कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे से इस अवैध कालोनी में हो रही समस्याओं को अवगत कराया गया। जिस पर उन्होंने इन कालोनाइजर पर कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया है।
वहीं दूसरी तरफ जो अवैध प्लाटिंग के गोरखधंधा में लगे हैं वही लोग आज नगर पालिका चुनाव में उतर रहे हैं और जिस कालोनाइजर ने सचीपुरम कालोनी को बेचे हैं वही आज मुंगेली नगर पालिका में पार्षद बन कर अध्यक्ष बनना चाह रहा है और फिर तो मुंगेली की स्थिति क्या होगी समझ से परे हैं।