मध्य प्रदेश

7 मार्च को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे प्राण-प्रतिष्ठा, जौरासी के हनुमान मंदिर में

ग्वालियर

एक समय था जब ग्वालियर औद्योगिक नगरी के नाम से पहचाना जाता था, लेकिन वास्तुदोष के ग्रहण ने यहां चल रहे उद्योगों को धीरे-धीरे अस्त कर दिया। औद्योगिक क्षेत्र में प्रगति की वही पहचान अब ग्वालियर में जल्द लौटने वाली है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक ग्वालियर में पूर्व से उपस्थित शनि पर्वत के बाद बने सूर्यमंदिर के साथ जो वास्तुदोष बना था, उसे दूर करने के लिए अब जौरासी के श्रीहनुमान मंदिर पर विशाल अष्ट लक्ष्मी देवी का मंदिर बनकर तैयार हो चुका है।

इस मंदिर में मां महालक्ष्मी अपनी सात बहनों के साथ विराजित की गई हैं। ज्योतिषों की मानें तो इस मंदिर के शुभारंभ होते ही ग्वालियर प्रगतिपथ पर अग्रसर होगा। यही वजह है ग्वालियर के वास्तुदोष निवारक इस विशाल महालक्ष्मी मंदिर का शुभारंभ खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव 7 मार्च को प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के यज्ञ में पूर्ण आहूति देकर करेंगे। इस भव्य आयोजन की तैयारियों को मप्र विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर सीधे तौर पर देख रहे हैं।

सीएम, सिंधिया, तोमर, अवधेशानंद गिरी सहित कई होंगे शामिल
ग्वालियर से 15 किलोमीटर दूर जौरासी श्री हनुमान मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेश चतुर्वेदी ने बताया कि अष्ट महालक्ष्मी प्राण प्रतिष्ठा का भव्य महोत्सव 1 मार्च से 7 मार्च तक आयोजित होगा। 1 मार्च को जहां कैबिनेट मंत्री कृष्णा गौर मुख्य रूप से शामिल रहेंगी। वहीं कार्यक्रम के अंतिम दिन मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, मप्र विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी विशेष पूजन में शामिल होंगे।

फैक्ट फाइल

  • वास्तु दोष काटने के लिए डबरा रोड जौरासी पर बनाए गए अष्ट महालक्ष्मी मंदिर के निर्माण में करीब 13 करोड़ की लागत आई है।
  • वर्ष 2019 से बन रहे इस मंदिर में लगा संगमरमर वियतनाम से मंगाया गया है।
  • मंदिर में नक्काशी के लिए कारीगर राजस्थान, वृन्दावन से व झूमर के लिए फिरोजाबाद से बुलाये गए थे।

दिल्ली, गोरखपुर, बनारस से 150 आचार्य
मंदिर की स्थापना के लिए मुख्य रूप से लालबहादुर शास्त्री संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली से पंडित गोपाल प्रसाद शास्त्री व शासकीय संस्कृत महाविद्यालय गोरखपुर से प्रवीण कुमार पांडेय के साथ 150 आचार्य बनारस से आ रहे है ,जो कि सात दिवसीय मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे।

ग्वालियर में शनि पर्वत के क्षेत्र ग्वालियर में सूर्य मंदिर की स्थापना के कारण वास्तुदोष बना हुआ है। इसका असर शहर के कारोबार पर साफ तौर पर दिखा। अष्टमहालक्ष्मी मंदिर से यह वास्तुदोष दूर होगा। इससे शहर में धन संपदा का प्रभाव भी देखने को मिलेगा।
आचार्य यशपाल, वास्तु सलाहकार

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