लेखक की कलम से

हौसला …

ग़ज़ल

 

हौसला ऊँचा हो तब तस्वीर बदल जायेगी,

जोश दिल में हो भरा तकदीर बदल जायेगी।

 

ठान ले हर जिगर गर कर गुजरने की नया,

रिसालों में लिखी हुई तहरीर बदल जायेगी।

 

कब तलक झगड़ेगा खुद ही वो पछतायेगा,

दुश्मनी की हर जगह तक़रीर बदल जायेगी।

 

डूबते को एक सहारा दे सकुं ये मन तो करे,

सोच जो बदली फिर तदवीर बदल जायेगी।

 

इश्क में मरना है तो सरहद पर जाकर मरो,

मजनुओं को देख के हर हीर बदल जायेगी।

 

बिखरी हैं ये देश में सच्चाइयां भी इस कदर,

दिल को मेरे लग रहा है नजीर बदल जायेगी।

 

 

©संजय कुमार भारद्वाज, चंपावत, उत्तराखंड

परिचय:- शिक्षा अंग्रेजी एवं राजनीति में एमए, बीएड, शासकीय इंटर कॉलेज खेतीखान, चंपावत, उत्तराखंड में अध्यापक, त्रिभुवन विश्वविद्यालय नेपाल और एसजीएम इंटर कॉलेज पीलीभीत में प्रोफेसर के रूप में कार्य करने का अनुभव, देश के प्रमुख अखबारों में रचनाएं, गीत, गजल का प्रकाशन, सांझा काव्य संग्रह प्रकाशित.

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