लेखक की कलम से

आचार्य चाणक्य की ओ बातें जो आपके लिए भी उपयोगी है…

चाणक्य नीति

  • दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक और महिला की सुन्दरता है।
  • हर मित्रता के पीछे कोई स्वार्थ जरूर होता है, यह कड़वा सच है।
  • अपने बच्चों को पहले पांच साल तक खूब प्यार करो। छः साल से पंद्रह साल तक कठोर अनुशासन और संस्कार दो। सोलह साल से उनके साथ मित्रवत व्यवहार करो। आपकी संतति ही आपकी सबसे अच्छी मित्र है।”
  • दूसरों की गलतियों से सीखो अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को तुम्हारी आयु कम पड़ेगी।
  • किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदार नहीं होना चाहिए। सीधे वृक्ष और व्यक्ति पहले काटे जाते हैं।
  • अगर कोई सर्प जहरीला नहीं है तब भी उसे जहरीला दिखना चाहिए वैसे दंश भले ही न हो पर दंश दे सकने की क्षमता का दूसरों को अहसास करवाते रहना चाहिए। कोई भी काम शुरू करने के पहले तीन सवाल अपने आपसे पूछो…
  • मैं ऐसा क्यों करने जा रहा हूँ ?
  • इसका क्या परिणाम होगा ?
  • क्या मैं सफल रहूँगा ?
  • भय को नजदीक न आने दो अगर यह नजदीक आये, इस पर हमला कर दो यानी भय से भागो मत इसका सामना करो।
  • काम का निष्पादन करो, परिणाम से मत डरो।
  • सुगंध का प्रसार हवा के रुख का मोहताज़ होता है, पर अच्छाई सभी दिशाओं में फैलती है।”
  • ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है।
  • अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ।
  • व्यक्ति अपने आचरण से महान होता है जन्म से नहीं।
  • ऐसे व्यक्ति जो आपके स्तर से ऊपर या नीचे के हैं, उन्हें दोस्त न बनाओ,
  • वह तुम्हारे कष्ट का कारण बनेंगे। समान स्तर के मित्र ही सुखदायक होते हैं।
  • अज्ञानी के लिए किताबें और अंधे के लिए दर्पण एक समान उपयोगी है।
  • शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है। शिक्षित व्यक्ति सदैव सम्मान पाता है।

शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौंदर्य दोनों ही कमजोर है। राजा भोज ने कवि कालीदास से दस सर्वश्रेष्ट सवाल किए-

1- दुनिया में भगवान की सर्वश्रेष्ठ रचना क्या है?

उत्तर- ”मां”

2- सर्वश्रेष्ठ फूल कौन सा है?

उत्तर- “कपास का फूल”

3- सर्वश्रेष्ठ सुगंध कौन सी है?

उत्तर- वर्षा से भीगी मिट्टी की सुगंध ।

4- सर्वश्रेष्ठ मिठास कौन सी?

– “वाणी की”

5- सर्वश्रेष्ठ दूध-

“मां का”

6- सबसे काला क्या है?

“कलंक”

7- सबसे भारी क्या है?

“पाप”

8- सबसे सस्ता क्या है?

“सलाह”

9- सबसे महंगा क्या है?

“सहयोग”

10-सबसे कड़वा क्या है?

ऊत्तर- “सत्य”.

वो डांटकर अपने बच्चों को अकेले में रोती है?

वो माँ है और माँ ऐसी ही होती है।

जितना बड़ा प्लाट होता है, उतना बड़ा बंगला नहीं होता। जितना बड़ा बंगला होता है, उतना बड़ा दरवाजा नहीं होता। जितना बड़ा दरवाजा होता है, उतना बड़ा ताला नहीं होता।

जितना बड़ा ताला होता है, उतनी बड़ी चाबी नहीं होती। परन्तु चाबी पर पूरे बंगले का आधार होता है।

इसी तरह मानव के जीवन में बंधन और मुक्ति का आधार मन की चाबी पर ही निर्भर होता है।

हे मानव ! तू सबकुछ कर पर किसी को परेशान मत कर, जो बात समझ न आऐ उस बात में मत पड़!

पैसे के अभाव में जगत 1% दुखी है, समझ के अभाव में जगत 99% दुखी है।

आज का श्रेष्ठ विचार:-

यदि आप धर्म करोगे तो भगवान से आपको मांगना पड़ेगा, लेकिन यदि आप कर्म करोगे तो भगवान को देना पड़ेगा..!

©संकलन – संदीप चोपड़े, सहायक संचालक विधि प्रकोष्ठ, बिलासपुर, छत्तीसगढ़

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