मध्य प्रदेश

टूरिज्म स्टेट बनेगा एमपी, हवाई सेवा से जुड़ेंगे प्रमुख पर्यटन केंद्र

भोपाल
मध्यप्रदेश आने वाले समय में एक बड़ा पर्यटन हब बनकर उभरेगा। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, खजुराहो, सांची, भीमबैठका सहित 31 प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ने बीस सीटर एयरक्रॉफ्ट चलाए जाएंगे। वहीं प्रदेश के शहरी क्षेत्रों को प्रदूषण से मुक्त रखने प्रदेश में प्रधानमंत्री ई बस सेवा प्रारंभ की जाएगी। इसके तहत भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और सागर में  552 ई बसें चलाई जाएंगी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इन प्रस्तावों पर चर्चा की गई। प्रदेश के कई बड़े पर्यटन स्थलों तक अभी हवाई यातायात सेवा उपलब्ध नहीं है। प्रदेश में 31 एयर स्ट्रिप उपलब्ध हैं। इनके जरिए प्रदेश के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ा जाएगा। निजी आॅपरेटर की मदद से यहां बीस सीटर एयरक्रॉफ्ट संचालित किए जाएंगे। इसमें आॅपरेटर पर यह छोड़ा जाएगा कि वह प्रीमियम या  विकल्प चुन सकेगा। इन एयरक्रॉफ्ट को संचालित करने राज्य सरकार निजी आॅपरेटरों को प्रोत्साहन स्वरूप राशि भी देगी। इस सेवा के शुरू हो जाने पर प्रदेश के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों के बीच की दूरी घट जाएगी। पर्यटन स्थलों पर पहुंचने में लगने वाला समय कम हो जाएगा।

एक ही दिन में पर्यटक एक से अधिक पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकेंगे। पर्यटन स्थलों के हवाई सेवा से जुड़ जाने के बाद यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग की भारत सरकार की योजना मध्यप्रदेश में लागू करने और ग्रामीण विकास विभाग की नवीनीकृत योजना एमपी में लागू करने पर चर्चा की गई।

55 रुपए किमी तक आएगा खर्च
मिडी बसें संचालन पर पचास से पचपन रुपए प्रति किलोमीटर और मिनी बसों पर 45 से 50 रुपए प्रति किलोमीटर खर्च आएगा। इसमें मिडी बसों से 30 रुपए प्रति किलोमीटर और मिनिी बसों से 25 रुपए प्रति किलोमीटर राजस्व मिलेगा।  मिडी बसों पर 22 रुपए और मिनी बसों के लिए 20 रुपए प्रति किलोमीटर की मदद सरकार की ओर से दी जाएगी। पूरे प्रदेश में 442 मिडी बसें चलेंगी और 110 मिनी बसें चलाई जाएंगी। मिडी बसों के चलाने पर 663 करोड़ और मिनी बसों के संचालन पर 143 करोड़ रुपए का खर्च आएगा जो बचत होगी।

भोपाल-ग्वालियर में 100 मिडी बसें, जबलपुर में 40 मिनी और 30 मिडी बसें चलेंगी
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में डीजल-पेट्रोल से चलने वाले वाहनों से बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने मध्यप्रदेश सरकार प्रधानमंत्री ई-बस सेवा की शुरुआत भी मध्यप्रदेश में करेगी। इंदौर में बीस से चालीस लाख की आबादी के लिए 150 मिडी बसें चलाई जाएंगी। भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में दस से बीस लाख की आबादी को ध्यान में रखते हुए ई बस चलाई जाएंगी। भोपाल में सौ मिडी बसें चलेंगी। वहीं ग्वायिलर में सौ मिडी बसें चलेंगी। जबलपुर में चालीस मिनी बसें और तीस मिडी बसें चलेंगी। उज्जैन में पांच से दस लाख की आबादी को ध्यान में रखते हुए सत्तर मिनी बसें और तीस मिडी बसें चलाई जाएंगी। बड़े नगर निगमों में शामिल सागर नगर निगम क्षेत्र में 32 मिडी बसों का संचालन किया जाएगा। जो मिडी बसें चलेंगी उनकी क्षमता तीस से 48 सवारी की रहेगी वही मिनी बसें 18 से 30 सीटों की क्षमता वाली होंगी।

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