मध्य प्रदेश

ऐतिहासिक होगा रुद्राक्ष महोत्सव: गुजरात और राजस्थान से आएंगे रसोईये, रोजाना लाखों भक्तों के लिए बनेगा भोजन प्रसाद

कुबेरेश्वर धाम में 16 से 22 फरवरी तक सातों दिन होगा रुद्राक्ष वितरण, जोर-शोर से चल रही हैं तैयारियां, होटल-लॉज फुल

सीहोर। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में आगामी 16 फरवरी से सात दिवसीय ऐतिहासिक रुद्राक्ष महोत्सव आयोजित होगा। इसमें दुनिया भर के शिवभक्त शामिल होंगे। इस महोत्सव को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। शहर के सभी होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशाला बुक हो चुके हैं। 16 से 22 फरवरी तक शहर के किसी भी होटल या गेस्ट हाउस में रूम नहीं है। कुबेरेश्वर धाम शिवमय होने के साथ ही हर-हर महादेव और बम भोले के जयकारों से गुंजायमान है। महोत्सव में गुजरात, महाराष्ट्र, छतीसगढ़, राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों में ट्रेवल्स की गाड़ियां भी नहीं खाली हैं। होटलों और गेस्ट हाउस में वीवीआईपी, वीआईपी और सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों, नेताओं और अन्य लोगों के लिए बुक हैं। होटलों की पार्किंग फुल हो गई है।

शनिवार को महोत्सव की तैयारियों की जानकारी देते हुए भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि यह आयोजन प्रशासन, समाज और विठलेश सेवा समिति के पूरे सहयोग से सफलतापूर्वक किया जाएगा। शहर ही नहीं, मंदिर क्षेत्र के सभी क्षेत्रवासी श्रद्धालुओं के लिए अपने भवनों के अलावा धर्मशाला देने का पहले ही प्रस्ताव दे चुके हैं। सभी समाज के लोगों द्वारा सेवाभाव से अपनी स्वीकृति प्रदान की जा रही है। गत दिनों प्रदेश के चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग ने भी व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। उन्होंने पांडाल, लाइट की पर्याप्त व्यवस्था रहे, पार्किंग एवं लोगों को आने-जाने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसका इंतजाम करने के साथ ही 100 से अधिक स्थाई शौचालय के अलावा हजारों की संख्या में चलित शौचालय की व्यवस्था कराए जाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हिंदू धर्म का पालन करने वालों में रुद्राक्ष का विशेष महत्व होता है। रुद्राक्ष को भगवान शिव से जोड़कर देखा जाता है। जो भी व्यक्ति रुद्राक्ष पहनता है, उसके खराब ग्रह सुधर जाते हैं और शुभ फल देने लगते हैं। रुद्राक्ष धारण करने से दिल संबंधित बीमारियां, तनाव, चिंता, ब्लड प्रेशर आदि को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। लेकिन, इन दिनों धड़ल्ले से आस्था के नाम से खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तथाकथित धोखेबाज व्यापारी रुद्राक्ष के नाम पर भद्राक्ष बेचकर लोगों के साथ धोखा कर रहे हैं। गत दिनों हुए रुद्राक्ष महोत्सव के बाद एक अध्ययन में पाया गया है कि देश के अधिकांश धार्मिक स्थानों पर नकली रुद्राक्ष बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाजार में बेचे जा रहे तीन मुखी से नीचे और सात मुखी से ऊपर के ज्यादातर रुद्राक्ष नकली हैं। लेकिन, कुबेरेश्वर धाम से मिलने वाले रुद्राक्ष का महत्व काफी है, इस अभिमंत्रित रुद्राक्ष से लोगों की समस्याओं और बीमारियों का समाधान हो रहा है।

दो लाख श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था

वहीं, विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि इस आयोजन के लिए जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। कथा के लिए 300×600 फीट का डोम तैयार किया जा रहा है। अनुमान के मुताबिक, करीब दो लाख श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। यदि इससे अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं तो और भी पंडाल लगाए जाएंगे, ताकि किसी को भी खुले आसमान के नीचे बैठकर कथा सुनने को मजबूर न होना पड़े। उन्होंने बताया कि फरवरी में ही डोम और पंडाल का काम पूरा कर लिया जाएगा। आयोजन स्थल पर ऐसी तैयारियां की जा रही हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी न उठाना पड़े।

चाक-चौबंद व्यवस्था बनाने में जुटा प्रशासन

उन्होंने कहा कि कार्यक्रम स्थल तक के रास्ते पर सभी आवश्यक व्यवस्था करने के लिए एसडीएम और पुलिस अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। कार्यक्रम स्थल पर चाक-चौबंद व्यवस्था के लिए अधिकारियों को कहा गया है। उन्होंने बताया कि इस साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु भव्य महोत्सव में शामिल होंगे। जिसको लेकर प्रशासन व्यवस्था बना रहा है।

राजस्थान-गुजरात के रसोइए बनाएंगे श्रद्धालुओं के लिए भोजन

रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का सैलाब आएगा। इसको देखते हुए विठलेश सेवा समिति द्वारा गुजरात और राजस्थान के रसोईयों की टीम को भोजन बनाए जाने की व्यवस्था के लिए आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा अन्य लोकल के लोगों को भी भोजन आदि की व्यवस्था के लिए लगाया जाएगा। इसके लिए करीब 10 एकड़ में भोजनशाला का निर्माण किया जाएगा।

100 एकड़ में रहेगी वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था

महोत्सव में वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था के लिए 100 एकड़ भूमि की व्यवस्था की गई है, इसके अलावा आस-पास के रिक्त स्थानों पर भी प्रशासन और समाजसेवियों के द्वारा वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है, जिससे जाम जैसी स्थिति से निजात मिलेगी, इसके अलावा शहर की अन्य कालोनियों सहित अन्य ने भी अपने-अपने सुझाव दिए हैं।

सातों दिन 24 घंटे किया जाएगा रुद्राक्ष वितरण

रुद्राक्ष वितरण को लेकर चार दर्जन से अधिक काउंटरों के माध्यम से 24 घंटे सात दिनों तक वितरण किया जाएगा इसके लिए करीब 10 एकड़ से अधिक स्थान पर 40 से अधिक काउंटरों से श्रद्धालुओं की लाइन लगाकर वितरण किया जाएगा। जिससे आने वाले हर श्रद्धालुओं को आसानी से रुद्राक्ष मिल सके।

वाहनों के आने-जाने के लिए प्रशासन कर रहा रोड का निर्माण

महोत्सव को लेकर प्रशासन और क्षेत्रवासियों का पूरा सहयोग मिल रहा है। प्रशासन द्वारा यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए तीन रोड का निर्माण कराया जा रहा है। इसके अलावा भी वाहनों के आने-जाने की सुविधान प्रदान की जाएगी। इसका प्रबंधन किया जा रहा है।

आश्रम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना

आगामी दिनों में आश्रम में ही एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की जा रही है। इस केंद्र से दूर-दूर से कुबेरेश्वरधाम आने वाले व्यक्तियों की स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को भी ध्यान में रखते हुए व्यवस्था की जा रही है। आश्रम में आए व्यक्तियों को कोई छोटी-मोटी समस्या जैसे उल्टी, दस्त, हल्का बुखार, बीपी, शुगर आदि होता है तो प्राथमिक चिकित्सा या तात्कालिक उपचार देने के लिए प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, प्राथमिक चिकित्सालय स्थापित किया गया है, केंद्र में सुविधा बिल्कुल मुफ्त में प्रदान की जाएगी वहीं, दो एंबुलेंस की व्यवस्था भी 24 घंटे फ्री सेवा में लगाई जाएंगी।

सीहोर में सभी ट्रेनों का स्टॉपेज हो, विठ्लेश सेवा समिति ने रेल मंत्री को लिखा पत्र

सीहोर रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में ट्रेनें नहीं रुकती हैं। यहां सभी ट्रेनों का स्टॉपेज हो, इसको लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा है कि विठ्‌लेश सेवा समिति ने रेल मंत्री को स्टॉपेज की मांग को लेकर पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि सीहोर के लोग आवाज उठाएं तो ऐसी कोई ट्रेन नहीं है, जो यहां रुके नहीं। उन्होंने कहा कि सभी ट्रेनों का स्टॉपेज जनहित को देखते हुए सीहोर रेलवे स्टेशन पर होना चाहिए। ट्रेनों का स्टॉपेज जल्द से जल्द सीहोर स्टेशन पर हो, इसके लिए उन्होंने संबंधित विभाग को पत्र लिखा है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने साफ तौर पर कहा है कि यदि ट्रेनों का स्टॉपेज नहीं होता है तो वह व्यासपीठ से बोलेंगे। ज्ञात हो कि सीहोर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग को लेकर कई बार आंदोलन हो चुके हैं, लेकिन यहां ट्रेनों का स्टॉपेज नहीं हो पा रहा है, जबकि सीहोर के नजदीकी रेलवे स्टेशन बैरागढ़, कालापीपल और शुजालपुर में सभी ट्रेनों का स्टॉपेज होता है, लेकिन कोरोना काल के बाद से यहां बड़ी संख्या में यात्री गाड़ियां नहीं रूकती हैं।

Back to top button