पेण्ड्रा-मरवाही

कृष्णा और परी ने मरवाही थाने को दी राशि, कहा- हमारे पैसे से खरदी लें मास्क और सेनिटाइजर

मरवाही (अनुपम शुक्ला)। कोरोना वायरस से जहां समूचा विश्व त्राहिमाम कह उठा है तो वहीं इस संकट की घड़ी में बड़े-बड़े उद्योगपतियों से लेकर गांव के गरीब और छोटे-छोटे बच्चे भी अपना सहयोग देने से पीछे नहीं हट रहे हैं। सहायता और सहयोग की एक से एक मिसाल देखने को मिलती है। अभी कुछ दिन पूर्व ही गौरेला के गोपाल अग्रवाल ने पांच लाख रुपए प्रधानमंत्री रिलीफ फंड में दान देकर इस नवीन जिले का मान बढ़ाया है तो वहीं आज मरवाही थाने में ग्राम बगरार के सिद्धार्थ तिवारी के सुपुत्र कृष्णा तिवारी व उसकी बहन परी तिवारी ने अपने गुल्लक में रखे पैसे मरवाही थाने में दान कर दिए।

4 वर्ष के कृष्णा तिवारी व 5 वर्ष की परी तिवारी ने कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई संकट के मद्देनजर जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए दान देना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने अपने पिता के माध्यम से मरवाही थाने में सम्पर्क किए। इस पर थाना प्रभारी सुनील कुर्रे ने दोनों बच्चों से प्रभावित होकर थाने में बुलवाया। जहां आज सुबह दोनों बच्चों ने मरवाही थाने के प्रधान मुंसी हरनारायण पाठक व आरक्षक सतपुरन जांगड़े के समक्ष अपना गुल्लक दान कर दिए। मरवाही पुलिस ने इन दोनों बच्चों की संकट की घड़ी में किए गए इस सहायता के लिए बारंबार आभार माना है।

गुल्लक में भले ही कम पैसे हो पर उन छोटे छोटे बच्चों की देश भक्ति के आगे करोड़ो रूपए के दान भी फीके पड़ रहे हैं। ज्ञात हो कि बच्चे के पिता सिद्धार्थ तिवारी भी मरवाही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य कर्मचारी के रूप में पदस्थ हैं और वो भी संकट की इस घड़ी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

वास्तव में इस भारत वर्ष की गाथा अपरम्पार है। देवता,ऋषि, दानियों व वीरो से सुसज्जित इस भारत वर्ष का कभी अमंगल नही हो सकता है। आशा ही नही बल्कि विश्वास है कि इन छोटे-छोटे दैवीय रूपी बच्चों के त्याग व सहयोग के आगे यह कोरोना अवश्य परास्त होगा।

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