रायपुर

छत्तीसगढ़ के किसान सरकार और कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन के मूड में

सवाल क्या अंतर की राशि बोनस में देगी सरकार?

रायपुर | छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के आमने सामने आने के बाद कई किसान संगठन भी अब इस मामले में मैदान में कूदने की तैयारी में है | लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार और कांग्रेस के खिलाफ | दरअसल समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के बजाए कांग्रेस के घोषणा पत्र के वादे के अनुरूप किसानो को उनकी फसल का मूल्य दिए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है |

 इस बीच 7 नवंबर से वायरल हो रहे एक सरकारी परिपत्र ने किसानो का माथा ठनका दिया है | यह परिपत्र छत्तीसगढ़ सरकार का है ,जिसे देखकर प्रदेश भर में किसानो और उनके संगठनों की भौंहे तन गई है | किसानों को लगता है कि कांग्रेस भाजपा के खींचतान में नुकसान किसानों का ही होगा। यह भी चर्चा का विषय बन गया है कि सत्ता में आने के पहले कांग्रेस ने जो वायदा किसानों से किया था उसकी जिम्मेदारी किसी और पर मढ़कर वह बरी नहीं हो सकती।

इस परिपत्र में छत्तीसगढ़ सरकार के खाद्य विभाग की ओर से निर्देशित नीति में कहा गया है कि राज्य शासन ने विगत वर्षों की भांति खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में भारत सरकार से निर्धारित यूनिफार्म स्पेसिफिकेशन के अनुसार प्रदेश के किसानों से धान और मक्का खरीदी के लिए निर्णय लिया है । इसके तहत सामान्य धान 1815 रूपए में और धान ग्रेड ए 1835 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदा जाएगा । खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी नीति में यह तथ्य सामने आया है | इसे लेकर अब भ्रम की स्थिति बन गई है | इसका मतलब सामान्य तौर पर ये निकाला जा रहा है कि राज्य का धान 2500 रूपए में नहीं खरीदा जाएगा।

ऐसे में भले ही संभव है, राज्य सरकार बाद में मूल्य के अंतर की राशि देने का कोई रास्ता निकाले। सरकार के खाद्य विभाग ने इस मामले को लेकर जो निर्देश नीति जारी की है, उसमें कहा गया है कि   राज्य शासन द्वारा विगत वर्षों की भांति खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में  भारत सरकार द्वारा निर्धारित यूनिफार्म स्पेसिफिकेशन  के अनुसार प्रदेश के किसानों से धान एवं मक्का खरीदी के लिए ये निर्णय लिया गया है।

माना जा रहा है कि  धान खरीद के मुद्दे को लेकर राज्य व केंद्र के बीच चल रही खींचतान को साधने के लिए सरकार ने ये सधा सधा कदम उठाया है। राज्य सरकार के खाद्य विभाग के विशेष सचिव मनोज सोनी ने कहा है कि वह रेट एमएसपी का है। उसी पर खरीद होगी। 2500 के मूल्य  के बारे में कहा कि वो तो बोनस है। उसके बारे में सरकार तय करेगी।

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