नई दिल्ली

संत शिरोमणी रविदास जी के बताए रास्ते पर चल रहे, CM शिवराज सिंह चौहान ने संत शिरोमणी रविदास यात्रा को हरी झंडी दिखाने के दौरान कही ये बातें….

नई दिल्ली। एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सिंगरौली जिले से संत शिरोमणी रविदास समरसता यात्रा को हरी झंडी दिखाई रवाना किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज हमने संत शिरोमणी रविदास जी की यात्रा का प्रारंभ किया है। संत शिरोमणी रविदास जी कहते थे, ‘ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न’ वो कहते थे, राज ऐसा होना चाहिए जहां सब को भोजन मिले। रोटी, कपड़ा, मकान, पढ़ाई, लिखाई और दवाई इसका इंतजाम सबके लिए हो। कोई छोटा, कोई बड़ा न हो, सबको एक समान माना जाए।

बुधवार को सिंगरौली के बैढ़न पहुंचे सीएम शिवराज ने क्षमा मांगते हुए कहा कि मुझे कल आना था और रात में कई लोगों से मिलना था, क्योंकि कल बनखेड़ी में हेलीकाप्टर खराब हो गया था, इस वजह से आ नहीं पाया। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणी रविदास अद्भुत संत थे, संत शिरोमणी रविदास भारतीय संत परम्परा के शिरोमणि थे, उन्होंने जाति, छुआछुत और कुप्रथाओं का विरोध किया था। वे सामाजिक सद्भाव, समरसता और समानता की मुखर वाणी थे, जो स्वभाव से परोपकारी और दयालु थे। जो कमाते थे वो दिन-दुखियों में बांट देते थे। प्रभु जी तुम चंदन हम पानी, जाकी अंग-अंग बास समानी, प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा, जैसे चितवत चंद चकोरा, प्रभु जी तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन राती, प्रभु जी तुम मोती हम धागा, जैसे सोनहिं मिलत सोहागा, प्रभु जी तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै ‘रैदासा।

उन्होंने अपने विचार और वाणी से मानवता का मार्ग प्रशस्त किया, मन चंगा तो कठौती में गंगा का संदेश दिया। जन्म जात मत पूछिए, का जात अरू पात, रविदास पूत सब प्रभ के, कोऊ नहीं जात-कुजात। संत शिरोमणी रविदास जी ने भारतीय संस्कृति जीवन मूल्यों और परम्पराओं का आगे बढ़ाने का काम किया। आज मुझे कहते हुए आनंद और प्रसन्नता है कि हमने तय किया कि 8 फरवरी को, मैंने सागर में घोषणा की थी कि सागर के पास संत शिरोमणी रविदास जी का 102 करोड़ की लागत से मंदिर और स्मारक बनाया जाएगा। अलग-अलग यात्राएं जा रही है, ये यात्राएं समरसता का मार्ग बताएगी, शांति का भाव पैदा करेगी, स्नेह, सद्भाव और आत्मीयता का प्रकटीकरण करते हुए ये यात्राएं सागर मंदिर निर्माण के स्थान पर पहुंचेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे बताते हुए खुशी है कि हर गांव से एक मुट्टी माटी और जल लेंगे। 53000 गांवों से माटी और 315 नदियों का जल लेकर मंदिर निर्माण समरसता यात्राएं 12 अगस्त को सागर पहुंचेगी। यात्रा के दौरान संत शिरोमणी रविदास जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित केंद्रित रथ भी चलेगा। उनका चित्र रहेगा, उनकी पादुका रहेगी और कलश भी रहेगा, जिसका जगह-जगह पर पूजन होगा।

उन्होंने सभी ग्रामवासियों से अपील करते हुए कहा कि आपके गांव में जब यात्रा आए तो पादुका पूजन कीजिए, गांव की मिट्टी आप भेंट कीजिए, कलश का भी आप पूजन कीजिए। रथ पर सामजिक समरसता के सूत्रों का उल्लेख होगा और सबसे बड़ी बात यह है कि 12 अगस्त को स्मारक का शिलान्यास खुद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी करेंगे। भव्य स्मारक नागर शैली में बनेगा, संत शिरोमणी रविदास जी के दोहे और शिक्षाएं उकेरी जाएगी, उनके व्यक्तित्व और जो उन्होंने काम किया है उसका भी वहां उल्लेख किया जाएगा।

सीएम ने बताया कि इसमें जो पहली गैलरी होगी महान जीवन को दर्शाने का काम होगा। संत शिरोमणी रविदास जी की म्यूजियम बनाएंगे। म्यूजियम की गैलरी में उनके महान जीवन को दर्शाया जाएगा। भक्ति मार्ग और निर्गुण पंथ में जो योगदान है उस योगदान को दिखाया जाएगा। तीसरी गैलरी में संत शिरोमणी रविदास जी के दर्शन का और विभिन्न मतों पर प्रभाव, रविदास पंथ के प्रभाव के बारे में बताया जाएगा। चौथी गैलरी उनके काव्य, साहित्य और समकालीन विवरण को समर्पित होगी। लाईब्रेरी बनेगी, संगत हाल बनेगा, कुंड बनेगा, स्मारक के समीप जल कुंड का निर्माण किया जाएगा, भक्त निवास बनेगा, भोजन की व्यवस्था होगी।

रविदास जी कहते थे ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न। हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र पर चल रहे हैं। गरीबों को निःशुल्क राशन वितरण का कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी की सरकार कर रही है। अब गरीबों को 5 रुपए में भरपेट भोजन उपलब्ध कराने का काम किया जाएगा। छोटे दुकान भाइयों मध्यप्रदेश में किसी भी तरह की बैठकी देने की जरूरत नहीं है। संत शिरोमणी रविदास जी कहते थे कि सब प्रसन्न रहें, बहनों की आंखों में आंसू नहीं रहने दूंगा, बहनों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाना है। धीरे-धीरे लाड़ली बहना योजना की राशि को 3 हजार रुपये तक ले जाना है।

मध्यप्रदेश की धरती पर हमने तय किया कि जो गरीब है उनकी शिक्षा में कोई कसर नहीं रहने देंगे। 12वीं में टॉप करने वाले बेटा और बेटी को ई-स्कूटी देंगे। मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में चयन होने पर बेटे-बेटी की फीस मम्मी-पापा नहीं मामा भरवाएगा। संत शिरोमणी रविदास जी ने जो रास्ता बताया है उस रास्ते पर चलकर हम काम कर रहे है। 1 लाख पदों पर सरकारी भर्ती निकाली है। इसके बाद 50 हजार सरकारी नई भर्ती और निकालूंगा।

सीएम ने बताया कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना, सावित्रीबाई फूले स्व सहायता योजना, ऐसी अनेक योजनाएं हमने स्व-रोजगार के लिए शुरू की है। संत शिरोमणी रविदास स्वरोजगार योजना जिसमें 50 हजार रुपए से लेकर 1 लाख तक लोन देने का काम हम कर रहे है। कांग्रेस की सरकार में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए बजट सिर्फ ₹286 करोड़ होता था, लेकिन आज ₹26,000 करोड़ हम खर्च कर रहे हैं। आज से शुरू हो रही समरसता यात्राएं समरसता का नया मार्ग प्रशस्त करेगी।

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