मध्य प्रदेश

CM के निर्देश के बाद प्रदेश पुलिस ने उतरवाए 27,000 लाउडस्पीकर

भोपाल

 मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 13 दिसंबर को शपथ लेने के बाद पहला आदेश निर्धारित मापदंड से अधिक ध्वनि करने वाले विस्तारक यंत्रों के विरुद्ध कार्रवाई का दिया था। पुलिस ने बीते एक पखबाड़े में पूरे प्रदेश में मंदिर मस्जिदों सहित अन्य स्थानों पर तेज आवाज से बजने वाले 27,000 लाउडस्पीकर हटवा दिए, पुलिस को यह पता नहीं है कि हटाए गए ध्वनि विस्तारक यंत्रों के आवाज की तीव्रता मापदंडों से अधिक थी या नहीं। यह जरूर राहत देने वाली बात रही कि आपसी सहमति से प्रदेश भर में सारी कार्रवाई हुई, जिससे कहीं भी विवाद की स्थिति नहीं बनी।

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर मुख्यमंत्री मोहन यादव के इस निर्णय की चर्चा भी हुई। कई जगह आलोचना भी हुई तो स्कूल युवा वर्ग और बड़े बुजुर्गो ने उनके इस कदम की सराहना की।

इससे अधिक ध्वनि पर कार्रवाई करने के हैं निर्देश –

ध्वनि प्रदूषण की सीमा (डेसिबल में) क्षेत्र दिन में रात में
औद्योगिक क्षेत्र – 75 70
व्यावसायिक क्षेत्र – 65 55
रहवासी क्षेत्र – 55 45
शांत जोन – 50 40

 

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर मुख्यमंत्री के इस निर्णय की चर्चा भी हुई। दरअसल, इस काम में लगे पुलिसकर्मी अपने मोबाइल पर ध्वनि की तीव्रता मापने वाले एप इंस्टाल कर इसे माप रहे हैं पर यह नहीं कहा जा सकता कि इसके आंकड़े कितने विश्वसनीय हैं। कार्रवाई के लिए बनने वाले उड़नदस्ता में प्रदूषण नियंत्रण मंडल के विज्ञानियों को भी रहना था पर कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण वह पुलिस-प्रशासन के साथ नहीं जा रहे हैं।

कितनी है नोइज मीटर की कीमत?

प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों ने बताया कि आवाज की तीव्रता नापने वाला नोइज मीटर लगभग ढाई लाख रुपये में आता है। प्रदेश में इसकी संख्या सीमित ही है। मुख्यमंत्री के निर्देश के पहले मंडल अधिकतर शिकायतों पर ही कार्रवाई कर रहा था। इनमें नोइज मीटर से ही ध्वनि प्रदूषण की जांच कर कार्रवाई की जाती है।

पुलिस आयुक्त, भोपाल हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा कि वर्जनपुलिसकर्मी मोबाइल में एप इंस्टाल कर ध्वनि का स्तर माप रहे हैं। ध्वनि प्रदूषण मापने के यंत्र की री¨डग और एप की री¨डग लगभग बराबर आती है। दोनों का मिलान करके भी देखा जा चुका है।

 

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