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ED भाजपा की जासूसी करने वाली एजेंसी, महादेव एप के नाम पर की जा रही राजनीति, भाजपा नेताओं को मानहानि का भेजा नोटिस…विनोद वर्मा

रायपुर। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने महादेव एप पर प्रेस वार्ता ली. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने सबसे अधिक महादेव एप पर कार्रवाई की है. छत्तीसगढ़ पुलिस की अपराध दर्ज के बाद ED ने जाँच शुरू की है. ED से पहले छत्तीसगढ़ के सायबर सेल ने गूगल (Google) को पत्र लिखा था, जिसके बाद गूगल ने एप को हटा दिया. केंद्र ने महादेव एप को अब तक बैन नहीं किया है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने ED को बीजेपी की जासूसी करने वाली एजेंसी करार दिया है. इसके साथ ही उन्होंने चुनाव से मीडिया का ध्यान भटकाने के लिए महादेव एप के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया. इस मामले में उन्होंने बीजेपी नेताओं को मानहानि का नोटिस दिया है.

विनोद वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने जाँच में बताया कि महादेव एप के संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उपल है, जिसके बाद पुलिस महानिदेशक ने सभी राज्यों के महानिदेशकों से बात कर संयुक्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया था. हमारे मुख्यमंत्री ने महादेव एप पर लगातार कार्रवाई करने के कड़े निर्देश दिए थे. हमें आशंका थी कि महादेव एप केंद्र सरकार बंद नहीं कर रही है, क्योंकि बड़ी फंडिंग एप के जरिए केंद्र सरकार को की जा रही है.

मुख्यमंत्री के सलाहकार ने कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अपराध को राजनीति से जोड़ दिया है. ED की जाँच अपराध पर नहीं मुख्यमंत्री के करीबियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. केंद्र सरकार राजनीतिक लाभ के लिए सेंट्रल एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.

उन्होंने कहा कि ED ने बीते दिनों एक कार्रवाई कर कार से करोड़ों रुपए ज़ब्त किए थे, जिसमें उसने पैसे को किसी बघेल के लिए लेकर आए थे. ED ने बीजेपी के सुविधा के लिए प्रेस नोट में नाम जारी कर दिया कि बघेल के लिए पैसा भेजा गया था. इस बयान को किस परिस्थितियों में दिलवाया गया था, इसे कोई नहीं पकड़ पाएगा. लेकिन एक ज़िम्मेदार एजेंसी जाँच के विषय को कहते हुए नाम डाल दिया, और भाजपा को राजनीति का विषय मिल गया.

विनोद वर्मा ने कहा कि ED ने लंबी जाँच के बाद ये अचानक सामने ला दिया कि महादेव एप का संचालक शुभम सोनी है. इसके बाद अगले ही दिन वीडियो जारी होता है, और इसे सभी जगह फैला दिया जाता है. शुभम सोनी कहता है कि इस एप का मालिक वह खुद है, और सौरभ और रवि उसके नौकर है.

बीजेपी प्रेसवार्ता कर उस वीडियो के वर्मा को विनोद वर्मा बता देती है. बिना किसी सबूत के अपनी राजनीतिक लाभ के लिए विनोद वर्मा बना दिया जाता है. इस प्रेसवार्ता के बाद मेरे वकील ने भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता, सिद्धार्थ सिंह और अनुराग अग्रवाल को नोटिस किया है. इनके ख़िलाफ मानहानि का मुक़दमा करने वाले हैं. इनको सार्वजनिक रूप से सामने आकर माफ़ी माँगनी होगी. ज़रूरत पड़ी तो FIR भी कराई जाएगी.

विनोद वर्मा ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम से ED की जाँच सवालों के घेरे में है. ED जैसी ज़िम्मेदार एजेंसी सिर्फ़ एक मामूली वीडियो के आधार पर मुख्यमंत्री और उनके करीबियों के घर पर छापे मारे रही है, लेकिन भाजपा के नेताओं के साथ फोटो देखी जाती है. आरोपी की भाजपा की टोपी पहने फोटो देखी जाती है, लेकिन ED कोई पूछताछ नहीं करती है. दरअसल, ED एम्बेडेड डिटेक्टिव है. भाजपा के साथ जासूसी करने वाले लोग हैं.

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