रायपुर

जेएनयू हमले पर सीएम भूपेश बघेल ने किया दीपिका पादुकोण का समर्थन, कहा- साथ खड़े होने वाले को किया जाता है बदनाम

रायपुर (दीपक दुबे) । चेन्नई में आयोजित थिंक एडु कॉनक्लेव 2020 कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार को एक दिवसीय प्रवास पर चेन्नई रवाना हुए। रवाना होने से पहले भूपेश बघेल ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कई अहम मुद्दों को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने जेएनयू में हुए हमले को लेकर फिल्म एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण का समर्थन करते हुए कहा है कि बीजेपी और आरएसएस को ना संविधान में विश्वास है और ना ही प्रजातंत्र में। उनका विश्वास लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं है, इसलिए लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं है। भाजपा असहमति के विश्वास को हर स्तर पर दबाने के लिए रणनीति बना रही है। जामिया जेएनयू और गुजरात में भाजपा का यही रवैया देखने को मिला। जो उनके साथ खड़े होते हैं, उन्हें बदनाम किया जाता है।

पंचायत चुनाव में नक्सल क्षेत्रों में पड़ रहे प्रभाव पर सीएम बघेल ने कहा कि हर चुनाव में इस प्रकार से दबाव बनाने की कोशिश की जाती है, लेकिन हमारी कोशिश रहेगी कि बेहतर तरीके से चुनाव हो। प्रदेश में नक्सल घटनाओं और इंतजाम पर कहा कि नक्सली घटनाओं में 40 फीसदी की कमी आई है। जवान की शहादत में 60 फीसदी की कमी आई है। आम नागरिकों की मौत में भी 50 प्रतिशत तक कमी आई है। बड़े नक्सली पकड़े गए हैं, ये हमारे जवानों के लिए एक बड़ी सफलता है। हमारी हमेशा से विश्वास, विकास व सुरक्षा की रणनीति रही है। नक्सल मामलों पर चर्चा के लिए 28 जनवरी को 5 राज्यों की मीटिंग बुलाई गई है। इस बैठक की अध्यक्षता मुझे ही करनी है।

हड़ताल की आड़ में पीएम पर निशाना

ट्रेड यूनियन की हड़ताल की आड़ में भूपेश बघेल ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वन नेशन-वन इलेक्शन, वन नेशन-वन टैक्स की बात की जाती है, लेकिन इलेक्शन कई चरणों में होता है। वन टैक्स कहते हैं, लेकिन 5 स्लैब में टैक्स लिए जा रहे हैं। एक टैरिफ की बात की जा रही है, लेकिन गांव के लिए बिजली दर वही होगी जो दिल्ली, मुम्बई जैसे बड़े राज्यों के लिए होता है। कर्मचारियों द्वारा हम जो छूट दे रहे हैं उसमें बदलाव की मांग की जा रही है।

…इसलिए 16 जनवरी को विशेष सत्र

विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर कहा कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को 10 साल केंद्र सरकार ने बढ़ाया है। देश के सारे राज्यों में उसका अनुमोदन होना आवश्यक है। इसलिए 16 जनवरी को विशेष सत्र आमंत्रित किया गया है।

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