छत्तीसगढ़रायपुर

चुनावी रण में मुख्यमंत्री भूपेश सहित छत्तीसगढ़ कांग्रेस के दिग्गजों ने खूब बहाया पसीना, UP की जनता ने नकारा ….

रायपुर। यूपी विधानसभा चुनाव परिणाम के अभी तक सामने आए रुझानों में कांग्रेस एक बार फिर फिसड्डी साबित हुई है। राज्य की 403 विधानसभा सीटों में कांग्रेस कितने सीटों पर जीत दर्ज करती है, इसकी स्थिति शाम तक साफ हो जाएगी। ताजा रुझानों में कांग्रेस पार्टी 3 सीट पर बढ़त बनाए हुए है। चुनावी रण में सीएम भूपेश बघेल सहित छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी नेताओं ने खूब पसीना बहाया, लेकिन जनता ने नकार दिया। 

यूपी के चुनाव परिणाम और रुझानों ने एक बात तो साफ कर दिया है कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी का जादू राज्य में नहीं चल पाया है। कांग्रेस पार्टी का चर्चित नारा ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ भी फेल हो गया है। उत्तर प्रदेश में छत्तीसगढ़ मॉडल लागू करने और न्याय की बात को भी जनता ने तवज्जों नहीं दिया। इस बार उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस ने ‘युवा विधान’ और महिलाओं के लिए ‘शक्ति विधान’ घोषणा पत्र जारी किया था, जो काम नहीं आया। छत्तीसगढ के सीएम भूपेश बघेल सहित कई मंत्रियों, विधायकों व दिग्गज नेताओं ने उत्तर प्रदेश में छह महीने से ज्यादा समय तक काम किया। धुंआधार जनसंपर्क व चुनावी सभा की। बूथ लेवल से विधानसभा स्तर तक संगठन को मजबूत करने खूब पसीना पसीना बहाया, लेकिन जनता का साथ नहीं मिला। एक बात जरूर है कि इस चुनाव में कांग्रेस का संगठन पूरे प्रदेश में खड़ा हो गया है। चुनाव प्रचार के दौरान सीएम भूपेश बघेल पर नोएडा में अपराध भी दर्ज किया गया था।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस नेताओं ने छत्तीसगढ़ मॉडल को चुनावी मुद्दा बनाया था। यूपी में किसान कर्ज माफी, बिजली बिल हाफ, छुट्टा मवेशी, धान खरीदी, सरकारी नौकरी, न्याय योजना का जमकर प्रचार किया था, लेकिन जनता ने सभी बातों को नकार दिया। छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी नेताओं ने उत्तर प्रदेश में कड़ी टक्कर की बात कही थी, लेकिन पूरा मुकाबला एकतरफा हो गया। पीएम मोदी और सीएम योगी की आंधी में हाथ को जनता का साथ भी नहीं मिल पाया। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की हार छत्तीसगढ़ के नेताओं का राष्ट्रीय स्तर पर सियासी कद भी तय करेगा। वहीं छत्तीसगढ़ की विपक्षी पार्टी भी परिणाम और रुझानों के बाद चटकारे लगाने में पीछे नहीं है।

बता दें कि यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरे थे। अंत में स्थिति ऐसी हो गई थी कि मात्र 7 सीटों पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी। हालांकि, कांग्रेस ने यह चुनाव अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ी थी। तब राहुल और अखिलेश की जोड़ी खूब चर्चा में थी। इस बार यूपी चुनाव में 70 साल पुरानी पार्टी सात सीटों से भी नीचे आ गई है। इस बार प्रियंका गांधी वाड्रा व राहुल गांधी की टीम उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर व गोवा में कोई कमाल नहीं दिखा पीयी। पंजाब में जहां सरकार थी, वहां भी अंतरकलह की वजह से कांग्रेस 20 सीटों के आसपास सिमट गई है।

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