दुनिया

17 साल से आगे नहीं बढ़ा एक डॉक्टर की मौत का मामला…

अब 13 जनवरी को सेशन कोर्ट करेगी ट्रायल शुरु करने पर फैसला

मुंबई (संदीप सोनवलकर) । कनाडा से भारत अपने भाई से मिलने आयी डॉ. आशा गोयल की हत्या का मामला 17 साल बाद भी नहीं सुलझ पाया है। अब तक ये तय नहीं हो पा रहा है कि आखिर डॉ. आशा गोयल को किसने मारा और हत्यारा कौन है। डॉ. गोयल का बेटा संजय गोयल जो खुद भी डाक्टर है अब तक करीब 80 बार कनाडा से भारत आ चुका है। इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए लड़ाई कानूनी दाव-पेंच में ही उलझी है।

आरोप है कि जब डॉ. आशा गोयल अपने भाई सुरेश अग्रवाल के घर मुंबई आयी थी तब सुरेश अग्रवाल ने अपने दामाद नरेंद्र गोयल और दो कर्मचारियों मनोहर शिंदे और पवन अग्रवाल के साथ मिलकर आशा गोयल की हत्या कर दी थी। आरोपी सुरेश अग्रवालऔर मनोहर शिंदे की सुनवाई के दौरान ही मृत्यु हो चुकी है। इसी मामले में आशा गोयल के दूसरे भाई सुभाष गोयल फरार है और कनाडा में रहते हैं। उनके खिलाफ भी इंटरपोल से वारंट है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुयी है। इस मामले में प्रदीप परब नाम के एक कर्मचारी को सरकारी गवाह बनाया गया है।

अब 13 जनवरी को फिर मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई है। जिसमें इस मामले के मुख्य आरोपियों के खिलाफ ट्रायल शुरू करने पर अदालत को फैसला करना है। इस मामले में आरोपी नरेंद्र अग्रवाल को सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया था लेकिन उसे सरकार ने चुनौती दी जिस पर हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला खारिज कर दिया था।

22 दिसंबर 2018 को मामले की आखिरी सुनवाई में बॉम्बे हाईकोर्ट ने डॉ. आशा गोयल की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी नरेंद्र गोयल को बरी करने के एक ट्रायल कोर्ट के आदेश के रदद कर दिया था। पुलिस ने 14 फरवरी, 2016 के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें नरेंद्र गोयल को बरी कर दिया था।

विशेष लोक अभियोजक राजा ठाकरे ने बताया कि नरेंद्र गोयल ने हवाला दिया है कि 22 और 23 अगस्त, 2003 की रात को वह मुंबई में नहीं थे और 22 अगस्त की रात को दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। ठाकरे ने कहा कि इस बचाव को जांचने की जरूरत है और यह केवल मुकदमे के चरण में ही किया जा सकता है ताकि अभियोजन पक्ष को विवरणों को सत्यापित करने का अवसर दिया जा सके।

नरेंद्र गोयल के वकील मुकेश व्यास का कहना है कि नरेंद्र गोयल के खिलाफ हत्या के आरोप तय करने का कोई सबूत नहीं है। व्यास ने आगे कहा कि गवाह के बयान के अलावा गोयल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है परब ने पुलिस को बताया था कि नरेंद्र गोयल को साजिश का ज्ञान था।

न्यायमूर्ति मृदुला भटकर ने कहा ने कहा था कि इस मामले में सभी सबूतों और बयानों की पूरी जांच परख होनी चाहिये उसके बाद ही किसी को बरी किया जा सकता है।

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