मध्य प्रदेश

उज्जैन में एग्जाम देने के पहले सोशल मीडिया ब्वॉय फ्रैंड से मिलने पहुंची छात्राएं, स्कूल के लिए निकलीं 4 लड़कियां अचानक हो गई थीं गायब ….

उज्जैन। स्कूल से एकसाथ 4 छात्राओं के अचानक गायब होने के सनसनीखेज मामले में छात्राओं के मिलने से जहां परिजनों और पुलिस ने राहत की सांस ली है, वहीं सभी को चिंता में भी डाल दिया है। सोशल मीडिया की लत के कारण 4 लड़कियां घर से भाग गईं थी। चारों की उम्र 14 से 15 साल के बीच है। चारों कक्षा 8वीं की स्टूडेंट हैं। वे स्कूल जाने का कहकर घर से निकली थीं। जब घर नहीं पहुंचीं, तो गुमशुदगी दर्ज कराई। 24 घंटे के अंदर पुलिस ने चारों का पता लगा लिया है। वहीं हिन्दू संगठन इसे लव जिहाद से जोड़कर देखने लगे और शासन प्रशासन को चेतावनी तक दे डाली।

बुधवार को चार लड़कियां घर से फ्रीगंज स्थित लोकमान्य तिलक स्कूल में एग्जाम देने निकली थीं। वे यहां 8वीं में पढ़ती हैं। वे स्कूल के गेट तक तो गईं, लेकिन अंदर जाने से पहले ही वापस लौट गईँ। स्कूल परिसर में लगे सीसीटीवी में भी लड़कियां दिख रही हैं। इसमें चारों स्कूल के गेट से बाहर जाती दिख रही हैं। शाम तक छात्राएं घर नहीं पहुंची, तो परिजन उनकी तलाश में स्कूल पहुंचे। यहां पता चला कि छात्राएं स्कूल ही नहीं आई।

इसके बाद नीलगंगा थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। चारों छात्राएं अलग-अलग क्षेत्र की रहने वाली हैं। एक साईंधाम कॉलोनी, दूसरी बालाजी परिसर व तीसरी छात्रा इंदौर गेट मार्ग और चौथी भी उज्जैन की ही हैं। इनकी उम्र 14 से 15 साल है। इनमें एक छात्रा स्कूटी से आती थी, जबकि शेष को परिजन स्कूल छोड़ने आते थे। बुधवार सुबह 7.30 बजे छात्राएं स्कूल तो पहुंची, लेकिन अंदर परीक्षा देने नहीं आईं। चारों लापता हो गईं।

पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला देने वाली इस घटना में केस दर्ज होने के बाद पुलिस तत्काल एक्शन में आ गई और पुलिस टीमों ने लड़कियों की सरगर्मी से तलाश शुरू की। तलाशी के दौरान पुलिस के मुताबिक दो लड़कियां बीना रेलवे स्टेशन पर मिल गईं, जबकि बाकी दो झांसी के पास मिली हैं। पुलिस ने देर रात चारों लड़कियों को रेस्क्यू कर दो को उज्जैन ले आई है, जबकि दो अन्य देर शाम तक उज्जैन पहुंचेंगी।

सीएसपी विनोद मीणा ने बताया कि एक साथ चार लड़कियों के गायब होने की सूचना को गंभीरता से लिया। पता चला कि चारों ही लड़कियां इंस्टग्राम और फेसबुक पर एक्टिव रहती हैं। पुलिस ने इनके सोशल मीडिया अकाउंट चेक किए, जिससे पता चला कि लापता छात्राएं अनजान लड़कों से बात करती थीं। इस आधार पर खोजबीन की, तो पता चला कि दो लड़कियां उनके सोशल मीडिया के दोस्त लड़कों से मिलने गई हैं। इस पर पुलिस ने उन लड़कों से पता किया। एक लड़के ने बताया कि लड़कियां आई जरूर थीं, लेकिन फिर वो चली गईं। बाद में दोनों को बीना से बरामद कर लिया गया। इधर, दो अन्य लड़कियों के झांसी में होने की खबर मिली। इसके बाद उन दोनों को भी पकड़ लिया गया है।

घटना के बाद पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। सीएसपी विनोद मीणा ने बताया कि अभिभावक बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट पर ध्यान रखें। उनको रोकने से बच्चों में गुस्सा पनपता है, लेकिन पेरेंट्स को सही-गलत का अंतर समझाना होगा। सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से होने वाली बातचीत पर नजर रखनी होगी। उन्होंने कहा कि मीडिया एक्सपर्ट्स ने इंस्टाग्राम के एक्सप्लोर (सर्च) पेज को बच्चों के लिए आपत्तिजनक बताया है। दरअसल, इस पेज पर यंग यूजर्स कई तरह के अकाउंट और पोस्ट देख सकते हैं। यहां तक कि यंग यूजर्स ज्यादातर ऐसी चीजों से आकर्षित होते हैं, जो कई बार उनके लिए सही नहीं है। इसके अलावा ऐप में केवल बेहतरीन तस्वीरें पोस्ट करने का क्रेज है, जिसे बच्चों के दिमाग में अच्छा दिखने का प्रेशर बनता है। इंस्टाग्राम पर रियल लाइफ के इंसिडेंस तुरंत पोस्ट करने के भी फीचर्स भी हैं। जो कम उम्र वालों के लिए एक नशे की लत की तरह है।

सीएसपी विनोद मीणा ने कहा कि स्टडी के अनुसार जो बच्चे सोशल मीडिया का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, वे लाइफ को लेकर बहुत असंतुष्ट रहते हैं। माता-पिता और दूसरों को देखकर बच्चों को भी स्मार्टफोन या सोशल नेटवर्किंग की आदत होते जा रही है। इंस्टाग्राम ने तो बच्चों के इस प्रोजेक्ट पर रोक लगा दिया है, लेकिन आज की जरूरतों को देखते हुए पूरी तरह से सोशल मीडिया को इग्नोर भी नहीं किया जा सकता है, लेकिन आप अपने बच्चों की आदतों में बदलाव ला सकते हैं, ताकि वो इंटरनेट ऐडिक्ट होने के बजाय इसका इस्तेमाल कुछ सीखने के लिए करें।

 

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