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अमित जोगी का आरोप- छत्तीसगढ़ में चीनी कंपनी को संरक्षण कहीं कोई कनेक्शन तो नहीं …

रायपुर (गुणनिधि मिश्रा) । जोगी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व मरवाही विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ सरकार पर एक बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने साफ रूप से कहा कि छत्तीसगढ़ में चीनी कंपनी को सरकार संरक्षण दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार आंखों पर पट्‌टी बांधी हुई है। यह राष्ट्र के साथ व छत्तीसगढ़ वासियों के साथ धोखा है।

अमित जोगी ने आज अपने सागौन बंगला में पत्रकारों से बातचीत की। जिसमें उन्होंने साफ रूप से कहा कि …

गलवान घाटी में चीनी हमले के बाद भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए चीन से संचालित टिकटोक जैसी 59 ऐप के ख़िलाफ़ कार्यवाही की है। इसका देशवासी स्वागत करते हैं।

भारत सरकार की मिनिस्ट्री ओफ़ कॉर्प्रॉट अफ़ेर्ज़ ने 18 अगस्त 2020 को चीन की PEOPLE LIBERATION ARMY से जुड़ी 7 कंपनीयों के नाम चिहांकित किए जो वर्तमान में भारत के स्ट्रटीजिक सेक्टर में सक्रिय हैं। अमरीका के स्टेट डिपार्टमेंट की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार ये सभी कंपनियां भारत में व्यवसाय की आड़ में चीन के लिए जासूसी कर रहीं हैं। इस बात की पुष्टि चीनी सांसद द्वारा पारित Law of the PRC on National Defense के अनुच्छेद 7 में मिलती है। जिसके अनुसार कोई भी संगठन या नागरिक कानून के अनुसार राज्य के खुफिया कार्यों का समर्थन, सहायता और सहयोग करेगा। राज्य ऐसे व्यक्तियों और संगठनों जो खुफिया कार्यों में सहायता, सहयोग करते हैं की रक्षा करेगा। (Any organization or citizen shall support, assist and cooperate with the state intelligence work in accordance with the law. The state protects individuals and organizations that support, assist and cooperate with national intelligence work.)

  1. चीन के ख़िलाफ़ एकजुट होने की जगह दोनों प्रमुख राष्ट्रीय दल एक दूसरे पर चीन के साथ सांठगांठ के अरोप लगाते रहे है: कांग्रेस ने ‘चौकीदार चीनी है’ और भाजपा प्रवक्ता ने राहुल गांधी पर ‘चीन का परम मित्र’ होने का आरोप लगाया है। राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप के शोरगुल में सरकार ने PLA के लिए जासूसी में संलिप्त इन चीनी कम्पनियों और उनके भारतीय पार्टनरों के ख़िलाफ़ कार्यवाही करना तो दूर, उनकी जाँच-पड़ताल तक शुरू नहीं की है। कारण स्पष्ट दिखता है: इन 7 कम्पनियों ने अपने भारतीय पार्ट्नर्ज़ के माध्यम से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से दोनों प्रमुख राष्ट्रीय दलों को 2005 से लेकर आज तक 13000 करोड़ का चंदा  दिया है।

JCCJ सामान्यतः राष्ट्रीय मुद्दों पर बयान देने से बचता है लेकिन जब राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ राज्य की सुरक्षा की बात आती है तो छत्तीसगढ़ का एकमात्र मान्यता प्राप्त राजनीतिक क्षेत्रीय दल के अध्यक्ष होने के नाते ये मेरा कर्तव्य है कि आपके माध्यम से में इन बातों का खुलासा करूँ। अगर मैं ऐसा नहीं करता तो मेरी भी गिनती देशद्रोहियों की श्रेणी में होगी।

डिफ़ेन्स न्यूज़ इंडिया में 28 अगस्त 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट ने मुझे चौंका दिया। इस रिपोर्ट के अनुसार चीनी सेना के लिए जासूसी कर रही कम्पनियों ने भारत में सबसे अधिक- USD 3000 मिल्यन से भी ज़्यादा का- निवेश छत्तीसगढ़ राज्य में स्टील, सीमेंट और ऊर्जा के क्षेत्र में किया है। मेरी जानकारी के अनुसार आज भी छत्तीसगढ़ में 113 चीनी नागरिक वर्क पर्मिट VISA पर प्रदेश में जासूसी का काम कर रहे हैं। अगर इन बातों की राज्य सरकार को जानकारी नहीं है, तो ये उसकी घोर लापरवाही मानी जा सकती है; किंतु अगर जानकारी होने के बाद भी वो कोई कार्यवाही नहीं कर रही है, तो ये देशद्रोह नहीं तो क्या है?

छत्तीसगढ़-चीन नेक्सस की शुरुआत 10 दिसंबर 2005  से होती है जब तत्कालीन मुख्यमंत्री ने चीन की राजधानी बीजिंग के शनग्रिला होटल में “जिंग-जिंग कैथे इंटरनेशनल ग्रुप कंपनी लिमिटेड” कंपनी के मालिकों से मुलाकात की थी जिसके बाद इस कंपनी ने BLACKSTONE ASIA DRAGON FUND के माध्यम से एक भारतीय कंपनी के साथ पार्टनर्शिप में छत्तीसगढ़ में 1000 करोड़ की DUCTILE PIPE बनाने की फैक्ट्री लगाई जिसका वार्षिक टर्नोवर 3000 करोड़ है। 2011 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने उत्तर बस्तर के घोर नक्सली क्षेत्र में उसे तीन लाख मैट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता की लोहे की खदान आबंटित की। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार यहाँ ये माओवादियों और PLA के बीच मध्यस्था का काम भी करती है जिसका प्रमाण जनवरी 2014 में भारी मात्रा में नक्सलियों से बरामद चीनी हथियार हैं। इस कम्पनी का सबसे बड़ा ठेका धमतरी ज़िले के एक कांग्रेसी नेता और कांकेर ज़िले के एक भाजपा के नेता के पास है। अब तक ये कम्पनी छत्तीसगढ़ सरकार के लोक स्वास्थय यांत्रिकि और जल संसाधन विभाग को 30000 टन DUCTILE PIPE भी सप्लाई कर चुकी है।

8 एप्रिल 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने चीन के ज़ेनझाऊ शहर के JW मैरीयट होटल में 7 चीनी कम्पनियों और छत्तीसगढ़ शासन के बीच  ₹16000 करोड़ के MoU करें हालाँकि अभी तक इनमें से ‘इलेक्ट्रॉनिक सिटी’ को छोड़ दे तो अधिकांश MoUs पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इस मीटिंग के अधिकृत कार्य-विवरण के अनुसार चीनी सरकार के प्रतिनिधियों के समक्ष चीनी कम्पनियों ने मौरिशियस में विशेष ‘इन्वेस्टमेंट फ़ंड्ज़’ स्थापित करके उनके माध्यम से छत्तीसगढ़ में स्टील, सिमेंट और ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत भारतीय कम्पनियों में अपना निवेश बड़ाने का रणनीतिक निर्णय लिया था। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि भारत और मौरिशियस के बीच डबल टैक्सेशन अवॉडन्स अग्रीमेंट (DTAA) लागू है जिसके अनुसार इन कम्पनियों को भारत की 60% की जगह केवल मौरिशियस में 3.1% दर के हिसाब से टैक्स का भुगतान करना पड़ता है।

SEBI में जमा शेर होल्डिंग रिपोर्ट के सरसरी अध्ययन से पता चलता है कि Blackstone Gpv Capital Partners Mauritius V-Altd (Monnet), HsBc Global Investment Funds- Asia Ex Japan Equity Smaller Companies (ACC), The Indiaman Fund (Mauritius) Ltd. (JSW), Treeline Asia Master Fund, Macquarie Emerging Markets Asian Trading Ltd.  (Sterlite), Twin Star Holding (Vedanta), Europacific Growth Fund और Oppenheimer Developing Markets Fund (Ultratech और LafargeHolsim) के माध्यम से BAT (Baidu, Alibaba, TenCent), XinXing Cathay और Didi Chuxing जैसी चीनी आर्मी PLA से जुड़ी कम्पनियों ने छत्तीसगढ़ में USD 1 बिल्यन (₹76000 करोड़) का न केवल निवेश किया है बल्कि इन भारतीय कम्पनियों के कोरपोरेट स्ट्रक्चर में वोटिंग राइट्स हासिल करके उनपर अपना नियंत्रण भी ज़माना चालू कर दिया है।

जिस प्रकार दुनिया को हिला देने वाली पनामा पेपर्स लीक कांड के तार छत्तीसगढ़ से जुड़े थे और करोड़ो रुपया काला धन को कथित तौर पर विदेशी खातों में जमा किया गया था, उस से हज़ारों गुना ज़्यादा धन चीनी कम्पनियाँ औऱ उनके भारतीय पार्टनर छत्तीसगढ़ से लूटकर चीनी सेना के खातों में जमा कर रहे हैं- जिसका उपयोग चीन भारत के विरुद्ध लगातार कर रहा है। इसको रोकना हम सबका परम धर्म है।

केंद्र और राज्य सरकार, दोनों को सीमा में हमारे बहादुर जवानों की शहादत का सम्मान करते हुए ‘कम्भल ओड़ के घी खाने वाले’ इस देशद्रोही छत्तीसगढ़–चीनी नेक्सस के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्यवाही करनी चाहिए ताकि छत्तीसगढ़ को चीन की ग़ुलामी करने से बचाया जा सके। छत्तीसगढ़-चीनी नेक्सस की जानकारी मैं SEBI और NIA को यथोचित कार्यवाही के लिए भी भेज रहा हूँ।

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