दुनिया

एलन की ऐसी मॉनिटरिंग कि कोटा से अब तक 23 राज्यों एवं 4 केन्द्रशासित प्रदेशों के करीब 40 हजार स्टूडेंट पहुंचे अपने घरों में

बच्चों ने कहा- कोटा में सीखा समय का सदुपयोग, सफर से ही शुरू हो रही पढ़ाई

कोटा/ राजस्थान {प्रमोद शर्मा} । शिक्षा की काशी कोटा, एक ऐसा शहर जहां देश के कोने-कोने से हर वर्ष लाखों विद्यार्थी इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं। ये स्टूडेंट्स न केवल यहां आकर सफलता प्राप्त करते हैं, वरन सफलता का ऐसा मंत्री भी सीखते हैं जो जीवनभर काम आता है। यहां विद्यार्थी के पंच लक्ष्णों को सार्थक करने की कोशिश की जाती है। सिखाया जाता है कि दृढ़ संकल्प व मजबुत आत्मविश्वास के साथ किस तरह समय का सदुपयोग करते हुए मेहनत की जाए तो ऐसी कोई सफलता नहीं, जिसे प्राप्त नहीं किया जा सके।

शिक्षा की काशी में मिली इसी सीख का असर इन दिनों बिहार के स्टूडेंट्स की घर वापसी के लिए चल रही विशेष ट्रेनों में भी देखने को मिल रहा है। कोटा से बिहार तक के ट्रेन के सफर में करीब 18 से 20 घंटे लगते हैं। ऐसे में कई स्टूडेंट्स ऐसे हैं जो मात्र 6-7 घंटे सफर में सोते हैं और बाकी समय पढाई कर रहे हैं। कई स्टूडेंट्स सेल्फ स्टडी तो कई ग्रुप डिस्कशन करते हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि जेईई, नीट व एडवांस्ड परीक्षा की तिथियां घोषित हो चुकी हैं। इसलिए हमारे लिए एक-एक पल कीमती है।

खुल जाती हैं किताबें, लैपटॉप, मोबाइल

स्टूडेंट्स का घर का सफर शुरू होने के साथ ही लैपटॉप, मोबाइल और किताबें खुल जाती हैं। ज्यादातर स्टूडेंट्स पढ़ाई में जुट जाते हैं। कोई मोबाइल पर एप्लीकेशन के जरिए तैयारी करता है तो कोई वीडियो लेक्चर सुनकर अपनी तैयारी करता है। वहीं कुछ स्टूडेंट्स ऐसे भी होते हैं जो किताबों और कापियां खोलकर पढ़ाई शुरू कर देते हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि समय का सदुपयोग करना कोटा में सीखा है और यह ताउम्र काम आएगा, परीक्षा नजदीक है, ऐसे में हर क्षण हमारे लिए कीमती है और हम इसके लिए प्रयासरत है।

फिजिकल डिस्टेंसिंग के बीच ग्रुप डिस्कशन

घर वापसी के सफर में कई स्टूडेंट्स अपनी-अपनी बर्थ पर सेल्फ स्टडी में व्यस्त हो जाते हैं तो कई ग्रुप स्टडी करते हैं लेकिन, वे इस दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखते हैं। स्टूडेंट्स मास्क लगाने के साथ ही एक-दूसरे से करीब एक-एक मीटर कर दूरी पर बैठते हैं। एक बर्थ पर दोनों तरफ दो स्टूडेंट्स होते हैं। आमने-सामने बैठने पर चार स्टूडेंट्स का ग्रुप बन जाता है और वे पढ़ाई शुरु कर देते हैं। अन्य स्टूडेंट्स भी इन्हें देखकर प्रेरित होते हैं।

लेते रहेंगे मदद

स्टूडेंट्स का कहना है कि इंजीनियरिंग हो या मेडिकल किसी भी प्रवेश परीक्षा की पढ़ाई कोटा और खासतौर पर एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के बिना पूरी नहीं हो सकती। ऐसे में हम चाहते हैं कि कोटा और एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट से जुड़े रहें। लॉकडाउन के दौरान भी एलन ने बहुत मदद की और अब आगे भी उम्मीद है कि एलन की एक्सपर्ट फैकल्टीज के दम पर ही हम हमारे सपने पूरे कर सकेंगे।

सफर और सफलता तक साथ रहेंगे: माहेश्वरी

एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक नवीन माहेश्वरी ने कहा कि एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट हर विद्यार्थी के साथ है। कोटा से घर वापसी के दौरान हर संभव सहयोग करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद परीक्षा की तैयारी के लिए भी हर स्टूडेंट का सहयोग एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट करेगा। एक्सपर्ट फैकल्टीज बच्चों को गाइड करेंगे, उन्हें सफलता प्राप्त होने तक मार्गदर्शन देंगे।

चौथे दिन बिहार गए 2426 स्टूडेंट्स

लॉकडाउन में राजस्थान सरकार, कोटा जिला प्रशासन एवं एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के संयुक्त प्रयासों से कोटा में अध्ययनरत कोचिंग स्टूडेंट्स की घर वापसी का दौर जारी है। बिहार के स्टूडेंट्स के लिए प्रतिदिन सुबह-शाम दो विशेष ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। इसी क्रम में सुबह 11:30 बजे कोटा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक से 1223 स्टूडेंट्स मधेपुरा, सुपौल एवं सहरसा के लिए रवाना हुए। वहीं रात्रि 9.30 बजे 1203 स्टूडेंट्स ने बक्सर, भोजपुर, कैमूर व रोहतास के लिए विशेष ट्रेन से प्रस्थान किया। अभी तक बिहार के 12876 स्टूडेंट्स सकुशल घर पहुंच चुके हैं। बिहार के स्टूडेंट्स की ज्यादा संख्या को देखते हुए विशेष ट्रेनें संचालित होंगी। इन सिंगल ट्रिप माइग्रेंट स्पेशल ट्रेनों में 2 कोच एसएलआर, 4 कोच द्वितीय सामान्य श्रेणी तथा 18 कोच शयनयान के हैं, कुल 24 में से 22 कोच में स्टूडेंट यात्रा कर रहे हैं।

अब तक करीब 40 हजार की रवानगी

कोटा में भारत के विभिन्न राज्यों के हजारों स्टूडेंट्स अध्ययनरत हैं, जो लॉकडाउन की वजह से यहां फंस गए थे। सभी के संयुक्त प्रयासों से गत 17 अप्रैल से इन स्टूडेंट्स की घर रवानगी का दौर जारी है। अभी तक 23 राज्यों एवं 4 केन्द्रशासित प्रदेशों के करीब 40 हजार स्टूडेंट्स बसों एवं ट्रेनों के माध्यम से सकुशल घर पहुंच चुके हैं। इनमें सुदूर जम्मू-कश्मीर, लद्याख, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, दमन-दीव के स्टूडेंट्स भी शामिल है।

यादगार बन रही स्टूडेंट्स की रवानगी

कोटा से रवाना हो रहे कोचिंग स्टूडेन्ट्स की रवानगी यादगार हो रही है। एलन स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसायटी की ओर से स्टूडेंट्स को विशेष अल्पाहार पैकेट दिए जा रहे है। इसमें मास्क भी साथ दिया जा रहा है ताकि स्वास्थ्य का ध्यान रख सके। इसके अलावा पैकेट में पानी बॉटल्स, नमकीन, बिस्किट, वेफर्स, कुरकरे, टॉफी, जूस एवं भोजन के पैकेट्स दिए जा रहे हैं। ताकि लंबे सफर के दौरान स्टूडेंट्स को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। स्टूडेंट्स पैकेट पाकर खुश हो रहे हैं। अभी तक कोटा से गए सभी 40 हजार स्टूडेंट्स को ये पैकेट्स दिए गए हैं। इसमें एलन के अलावा अन्य कोचिंग संस्थाओं के भी स्टूडेंट्स शामिल हैं।

एएसडब्ल्यूएस की पेयजल सेवा

गर्मी के मौसम में स्टूडेंट्स के सफर को देखते हुए उन्हें किट में भोजन, अल्पाहार के साथ पानी की बोतल दी जा रही है। वहीं ट्रेन के रवाना होने तक एलन स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसायटी के सदस्य प्लेटफार्म पर ठंडे पेयजल की प्रत्येक कोच तक जाकर सप्लाई करते हैं। स्टूडेंट्स अपने साथ लाई बोतलों में पानी भर लेते हैं। इसके अलावा प्रत्येक कोच में सोसायटी की ओर से पानी के अतिरिक्त कर्टन रखवाए जाते हैं। ताकि किसी भी स्टूडेंट को सफर में परेशानी नहीं हो।

  • अब तक रवाना हुए 40 हजार स्टूडेंट्स
  • अब तक करीब 40 हजार से स्टूडेंट्स पहुंचे घर
  • 23 राज्यों एवं 4 केन्द्रशासित प्रदेशों के निवासी हैं स्टूडेंट्स
  • बिहार- 12876 स्टूडेंट्स 11 ट्रेनों से
  • उत्तर प्रदेश- 12 हजार स्टूडेंट्स 406 बसों से
  • उत्तराखंड- 500 स्टूडेंट्स 20 बसों से
  • मध्यप्रदेश- 2844 स्टूडेंट्स 110 बसों से
  • गुजरात- 400 स्टूडेंट्स 15 बसों से
  • दादर नागर हवेली एवं दमन-दीव- 44 स्टूडेंट्स 3 बसों से
  • राजस्थान- 2335 स्टूडेंट्स 91 बसों
  • असम- 389 स्टूडेंट्स 18 बसों से
  • हरियाणा- 771 स्टूडेंट्स 29 बसों से
  • जम्मू-कश्मीर व लद्दाख- 397 स्टूडेंट्स 15 बसों से
  • पंजाब-चंडीगढ़- 152 स्टूडेंट्स 7 बसों से
  • छत्तीसगढ़- 2247 स्टूडेंट्स 82 बसों से
  • कर्नाटक- 162 स्टूडेंट्स 7 बसों से
  • पश्चिम बंगाल- 2368 स्टूडेंट्स 83 बसों से
  • ओडिशा- 710 स्टूडेंट्स 25 बसों से
  • महाराष्ट्र- 1204 स्टूडेंट्स 58 बसों से
  • झारखंड- 1907 से अधिक स्टूडेंट्स दो ट्रेनो से
  • दिल्ली- 543 स्टूडेंट्स 29 बसों से
  • त्रिपुरा- 236 स्टूडेंट्स 10 बसों से
  • केरल- 27 स्टूडेंट्स 1 बस से
  • अरूणाचल प्रदेश – 3 बसों से 100 स्टूडेंट्स
  • सिक्किम – 3 बसों से 60 स्टूडेंट्स
  • तमिलनाडु – 3 बसों से 76 स्टूडेंट्स
  • मणिपुर -इम्फाल – 1 बस- 23 स्टूडेंट
Back to top button