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छत्तीसगढ़ में बारदानों की कमी मोदी सरकार की वजह से-मोहन मरकाम

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बारदानों की कमी केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार की वजह से है। मोदी सरकार ने इस स्थिति का निर्मित किया है। बारदानों की कमी के लिए भाजपा का आंदोलन मोदी सरकार के खिलाफ है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिए बारदानों की अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि बारदानों की भाजपा की मोदी सरकार निर्मित कमी की स्थिति से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार सतत् काम कर रही है। बारदानों की जो भी कमी है मोदी सरकार द्वारा ही जूट बारदानों की गठानें न देने के कारण है। इसलिए भाजपा का यह आंदोलन मोदी सरकार के ही खिलाफ है। धान खरीदी के लिए बारदाना की कमी के लिए मोदी सरकार ही जिम्मेदार है। छत्तीसगढ़ सरकार ने तो युद्ध स्तर पर बारदानों की सप्लाई सुनिश्चित की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि इस वर्ष अब तक धान खरीदी में बाधा डालने की तमाम कोशिशों के बावजूद अब तक 12.42 लाख किसानों से 57.37 लाख टन धान खरीदा जा चुका है। समर्थन मूल्य की राशि 9122 करोड़ रूपयें किसानों में वितरित भी की जा चुकी है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि बारदानों की संभावित कमी की प्रतिपूर्ति हेतु नएू जूट बारदानों की अतिरिक्त मांग के साथ अन्य वैकल्पित प्रयास भी छत्तीसगढ़ सरकार निरंतर कर रही हैं। पुराने इण्डेण्ट के विरूद्ध जूट कमिश्नर से 36 हजार गठान से अधिक नए जूट बारदाने की आपूर्ति अप्राप्त है। भारत सरकार से माह जनवरी 2021 में 35000 गठान नए जूट बारदानों की अतिरिक्त आपूर्ति की अनुमति मांगी गई है। छत्तीसगढ़ सरकार तो बारदाना आपूर्ति को उच्च प्राथमिकता देते हुए जिला प्रशासन के माध्यम से पीडीएस बारदानों एवं मिलर के पुराने बारदानों के शत प्रतिशत संग्रहण हेतु निरंतर काम कर रही हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने तो एचडीपीई, पीपी बारदानों की आपूर्ति में कमी को दृष्टिगत रखते हुए 30 हजार गठान एचडीपीई, पीपी बारदानों के पुनः उपयोग की अनुमति प्रदान की गई है। बरदानों की संभावित कमी को देखते हुए किसान बारदानों के साथ समिति के पुराने जूट बारदानों में भी खरीदी हेतु भी किसान हितैषी छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रावधान किए हैं। अब तक लगभग 16000 गठान किसान बारदानों में एवं 114 गठान समिति बारदानों में खरीदी की जा चुकी है। किसान बारदानों हेतु कृषकों को 15 रू. प्रति बारदाना की दर से भुगतान किया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में अनुमानित धान उपार्जन 89.00 लाख मे. टन हेतु लगभग 4.45 लाख गठान बारदानों की आवश्यकता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने धान खरीदी के लिये 35 हजार गठान नए बारदाने खरदीने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है। प्रदेश सरकार ने तीन लाख 50 हजार गठान बारदाने की व्यवस्था कर ली है। इस वर्ष धान खरीदी के लिये तीन लाख 50 हजार गठान बारदानें उपलब्ध कराने का आग्रह भारत सरकार से किया गया था। पूरे देश में जूट बारदाने की आपूर्ति भारत सरकार की एजेंसी के माध्यम से ही होती है। राज्य सरकार की तरफ से भेजे गए तीन लाख 50 हजार गठान बारदाने की मांग में जूट कमिश्नर से 50 फीसद की कटौती कर दी। उसमें से भी अब तक राज्य को केवल एक लाख नौ हजार गठान बारदाने ही प्राप्त हुए है।

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