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‘ऐ मेरे वतन के लोगो’ सुन रो चुके हैं पंडित नेहरू, जानें किसके लिए लिखा गया था गाना ….

मुंबई। लता मंगेशकर इस दुनिया में नहीं रहीं। उनके निधन की खबर सुनकर आज हर आंख नम है। देश की बुलबुल अब और नहीं गा सकेगी लेकिन उनकी आवाज और गाने अमर हैं। वह हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगी। लता मंगेशकर के गाने कानों से दिल की गहराइयों में उतरते हैं। उनके कुछ गीत तो ऐसे हैं जिन्हें सुनकर बड़ी से बड़ी हस्तियां अपने आंसू नहीं रोक पाईं। ऐसा ही एक गाना है ऐ मेरे वतन के लोगों…जरा आंख में भर लो पानी। इस गाने को सुनकर उस वक्त देश के प्रधानमंत्री रहे जवाहर लाल नेहरू भी रो पड़े थे। यहां जानते हैं इस दिल में बसने वाले गाने से जुड़ी इंट्रेस्टिंग बातें।

सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर का गाया एक-एक गाना लोगों की रूह छूने वाला है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में उनके गाने पसंद किए जाते हैं। लता ने हजारों गाने गाए हैं, इनमें से ऐ मेरे वतन के लोगो बेहद खास है। लता ने 27 जनवरी 1963 में यह गाना दिल्ली के रामलीला मैदान में गाया था। उस वक्त प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे। यह गाना उन सैनिकों की याद में लिखा गया था जो कि 1962 के भारत-चीन युद्ध में शहीद हो गए थे।

लता मंगेशकर से पहले यहा गाना गाने से मना कर दिया था। गाने के लिरिसिस्ट कवि प्रदीप ने लता को मनाया था। लता लाइव परफॉर्मेंस के पहले सिर्फ एक बार रिहर्सल कर पाई थीं। लता ने खुद ये सब खुलासे, 2014 में इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में किए थे।

लता ने बताया था कि जब कार्यक्रम खत्म हुआ, नेहरू उनसे बात करना चाहते थे। लता बताती हैं, पहले तो मैं नर्वस हो गई थी, मुझे लगा कि कोई गलती हो गई है। लेकिन जब मैं पंडितजी से मिली, मुझे उनकी आंखों में आंसू दिखे…उन्होंने कहा, लता तूने मुझे रुला दिया।

रिपोर्ट के मुताबिक, गाने को ओपनिंग स्टैंजा (ऐ मेरे वतन के लोगो, तुम खूब लगा लो नारा…) लिरिसिस्ट प्रदीप को उस वक्त सूझा था जब वह मुंबई के माहिम बीच पर वॉक कर रहे थे। उन्होंने रास्ते में किसी से पेन मांगा और अपने सिगरेट के पैकेट की फॉइल फाड़ी और लाइनें लिख लीं। प्रधानमंत्री के सामने होने वाले इवेंट में कई लोगों के गाने थे जो बहादुरी और वीरगाथा वाले थे। सिर्फ प्रदीप के गाने में जवानों के बलिदान और उनके कष्टों का जिक्र था। इस वजह से इस गाने को सरप्राइज के तौर पर रखा गया था।

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