लेखक की कलम से
एक रिश्ता …
एक रिश्ता शब्दों से …
बड़ा ही अंतरंग सा
इन्द्रधनुषी रंग सा
अपनों के संग सा
एक रिश्ता….
कभी मुस्कुराता सा
कभी गुनगुनाता सा
कभी मौन,कभी सुरीला जलतरंग सा
एक रिश्ता….
कभी सीता -राम सा
कभी राधा-श्याम सा
कभी शकुंतला तो कभी सारंग सा
एक रिश्ता….
कभी सहता हुए
कभी ढहता हुए
कभी बहते हुए स्याही के रंग सा
एक रिश्ता…..
कभी करीब हमारा सा
कभी दूर सितारा सा
कभी करीब डोर सा,कभी दूर पतंग सा
एक रिश्ता शब्दों से
बड़ा ही अंतरंग सा
इन्द्रधनुषी रंग सा
अपनों के संग सा……
@अनुपम अहलावत, नोएडा