मध्य प्रदेश

ग्रामीण परिवेश के छात्रों के लिए कॉलेजों में खुलेंगे स्टूडेंट सर्विस सेंटर

यूजीसी ने कॉलेजों के लिए जारी की गाइडलाइन, प्रोफेसर, डीन व डायरेक्टर को दी जाएगी जिम्मेदारी

भोपाल। विद्यार्थियों की मेंटल व बिहेवियर समस्या को दूर करने के लिए नए सेशन सत्र 2023-24 से महाविद्यालय में स्टूडेंट सर्विस सेंटर (एसएससी) खोले जाएंगे। एसएससी में मुख्य रूप से फीमेल विद्यार्थी के साथ ही ऐसे छात्रों पर विशेष रूप से फोकस किया जाएगा जो अलग कल्चर व ग्रामीण बैकग्राउंड से हैं। इसके माध्यम से उन्हें फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों रिसोर्स उपलब्ध रहेंगे। इसके लिए यूजीसी की ओर से ड्राफ्ट तैयार कर प्रदेशभर के सभी महाविद्यालयों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है। वहीं इस कार्य पर लगभग प्रत्येक कॉलेज में 20 से 50 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे।

प्रोफेसर, डीन व डायरेक्टर को बनाया जाएगा प्रभारी

महाविद्यालय में स्टूडेंट सर्विस सेंटर के माध्यम से छात्रों को बेहतर वातावरण देने व बराबरी के भाव का बोध करवाने के लिए फिजिकल एंड मेंटल हेल्थ काउंसलर्स भी रखे जाएंगे ताकि वह कॅरियर में लक्ष्य आसानी से प्राप्त कर सके। साथ ही संस्थान के डायरेक्टर, डीन व प्रोफेसर रैंक के अधिकारी को एसएससी सेंटर का प्रभारी बनाया जाएगा। यह सायकोलॉजी, फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोट्र्स, सायकेट्री, सोशल वर्क अथवा समाजशास्त्र से संबंधित हो सकते है। यदि किसी महाविद्यालय में इन विषयों से जुड़े प्रोफेसर अथवा एक्सपर्ट नहीं है तो दूसरे कॉलेज से भी सहयोग ले सकते हैं।

यह भी होंगे इंतजाम

प्रोफेशनली ट्रेंड काउंसलर्स रखे जाएंगे। सायकोलॉजी व फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट (एलएलआइपी व जीवाजी विश्वविद्यालय) से भी सहयोग लिया जा सकता है। प्रशिक्षण का समय सीमा तय की जाएगी।

स्टूडेंट सर्विस सेंटर में यह होंगे कार्य

विद्यार्थियों में सकारात्मक सोच के लिए मोटिवेशनल स्पीच का आयोजन, मेंटल हेल्थ से जुड़े कोर्स व टास्क का आयोजित करना, स्टूडेंट्स में क्रिएटिविटी बढ़ाने के लिए विभिन्न संस्थाओं को जुडऩा, फीमेल छात्रों के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम कराए जाना, स्टूडेंट सपोर्ट सिस्टम तैयार करना, कैंपस लाइफ को और बेहतर बनाने के लिए काम करना, छात्रों में मोटापा, टेंशन व बीपी सहित स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्या को कंट्रोल करने के लिए फिजिक्ट एक्टिविटी से भी छात्रों को जोड़ा जाएगा।

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