रायपुर (गुणनिधि मिश्रा) । नरेंद्र मोदी की विफलता से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा एक संदिग्ध टूलकिट पर हंगामा कर रहे हैं। आरएसएस और भाजपा की राजनीति ही मुद्दों से ध्यान भटकाकर अपना नया एजेंडा सेट करने की रही है। इतिहास गवाह है कि हर बार वह एक नया टूककिट बनाकर अपनी मंशा को अंजाम देते रही हैं। भारत के विभाजन से लेकर रथयात्रा और अन्ना हज़ारे के आंदोलन से लेकर पुलवामा और अब ‘टूलकिट’ तक सब इसका प्रमाण हैं।
इस समय पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विफलता पर चर्चा कर रहा है। कोरोना के संकट को जिस तरह से मोदी सरकार ने विकराल बना दिया है और जिस तरह से देश भर में लोग अस्पताल, ऑक्सीजन और दवाओं के लिए भटक रहे हैं, उसने साबित कर दिया है कि देश को संभालना केंद्र की भाजपा सरकार के बूते का है नहीं। देश भर के श्मसान घाटों पर हज़ारों की संख्या में जल रही लाशें और गंगा के तट पर दफ़नाए गए शव बता रहे हैं कि देश भयानक क़िस्म की महामारी से जूझ रहा है और इस से न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की काबिलियत पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
यह संयोग नहीं है कि ठीक इसी समय एक संदिग्ध ‘टूलकिट’ को प्रचारित करके इसका ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ने की कवायद शुरु हुई है। ट्विटर ने भी कह दिया है कि जो टूलकिट जेपी नड्डा, संबित पात्रा से लेकर डॉ रमन सिंह तक सबने ट्वीट किया है वह संदिग्ध है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा के नेता धरना प्रदर्शन और जेल भरो आंदोलन का नाटक कर रहे हैं। जिससे कि जनता का ध्यान नरेंद्र मोदी की विफलता से भटकाया जा सके। जब भाजपा ने देख लिया कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने कोरोना पर तत्परता से काबू पा लिया है और यहां कोई समस्या नहीं है तो भाजपा नेताओं ने टूलकिट पर हंगामा करने का टूलकिट इस्तेमाल करने की योजना बनाई है।
इतिहास है गवाह है कि 1937 में सावरकर ने देश के विभाजन का टूलकिट बनाया। देश के विभाजन के टूल किट के बाद नेहरू गांधी को विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराने और बदनाम करने का टूलकिट आरएसएस ने बनाया। देश के सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण का टूल किट भाजपा ने रथ यात्राओं के द्वारा बनाया।
पिछले लोकसभा चुनाव से पहले जब नरेंद्र मोदी हारते हुए दिख रहे थे तो पुलवामा हमले और बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक का टूलकिट सामने आया और देश की फिजा बदल दी गई।
यूपीए सरकार जिसने खाद्य सुरक्षा कानून सूचना का अधिकार भू अधिग्रहण कानून जैसे क्रांतिकारी फैसले किए उसे बदनाम करने के लिए अन्ना हजारे का टूलकिट बनाया गया जिसमें अरविंद केजरीवाल किरण बेदी और बाबा रामदेव ने भूमिका निभाई।
आरएसएस और भाजपा के इस षडयंत्र को समझने की ज़रुरत है।