छत्तीसगढ़

पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल से दुर्घटनाओं पर लग सकता है अंकुश वाहन चालक हेलमेट और सीट बेल्ट जरूर लगाएं

दुर्ग

एक सड़क दुर्घटना पूरे परिवार की आर्थिक रीढ़ तोड़ देती है यह बात माननीय न्यायमूर्ति श्री अभय मनोहर सप्रे अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट कमिटी आॅन रोड सेफ्टी (पूर्व न्यायमूर्ति सुप्रीम कोर्ट आॅफ इंडिया) नई दिल्ली ने दुर्ग के कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज संयुक्त सड़क सुरक्षा संबंधित आयोजित बैठक में कही। बैठक में पुलिस विभाग द्वारा पावरपाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से सड़कों की स्थिति एवं दुर्घटनाओं के कारणों को प्रदर्शित किया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय द्वारा चिन्हित ब्लैक स्पॉट और सुधारात्मक कार्यवाही के संबंध में अवगत कराया गया। बैठक में संभाग आयुक्त श्री एस.एन. राठौर और कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी भी सम्मिलित हुई।

बैठक में परिवारों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करने वाली सड़क दुर्घटना रोकने हेतु आइडियल मॉडल बनाने के लिए विचार विमर्श किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों के शादियों में डिलीवरी वाहनों के परिवहन पर रोक और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने पर विचार किया गया। सभी स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए बसों की व्यवस्था के साथ ही स्कूल-कालेज और कार्यालयों में दुपहियां वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिवार्यत: सुनिश्चित किये जाएंगे। प्रेशर हॉर्न पर कड़ी कार्यवाही करने, सड़कों पर विचरण करने वाले आवारा पशुओं की रोकथाम हेतु गौठान एवं कांजी हाऊस में व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा सभी सड़कों को गुणवत्तापूर्वक बनाने पर जोर दिया गया।

सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों के प्रति आम जनता को जागरूक करने हेतु ट्रैफिक पार्क भी बनाया जाएगा। सड़क दुर्घटना होने पर दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति को तत्काल उपचार (गोल्डन टाइम पर) उपलब्ध कराने स्वास्थ्य विभाग को पहल करने निर्देशित किया गया। बैठक में नगर निगम भिलाई के आयुक्त श्री देवेश ध्रुव, नगर निगम दुर्ग के आयुक्त श्री लोकेश चन्द्राकर, जिला परिवहन अधिकारी श्री शैलाब साहू, ट्रैफिक डीएसपी श्री सतीश ठाकुर सहित लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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