लेखक की कलम से

ये बदली का मौसम …

 

बदली का मौसम कुछ ख़ास है ।

रूमानियत भरा एक अहसास है ।

 

गीली हवा और मिट्टी की ख़ुशबू।

ये ठंडी फुहार और बूँदों की गुफ़्तगूँ।

ये सरसराती फ़िज़ाएं कुछ ख़ास हैं ।

 

ये आवारा बादल और उसकी गर्जन।

कड़कती बिजलियाँ और उसकी तड़पन।

ये मचलती अदाएं कुछ ख़ास हैं ।

 

इतराती सरिता और उसकी चाल।

ये इठलाता पानी और उसका हाल।

ये मस्ती का आलम कुछ ख़ास है ।

 

प्रकृति की हरीतिमा और उसकी साज।

ये मुस्कुराते फूल और उनकी लाज।

ये मौसम का हुस्न कुछ ख़ास है ।

 

ये बदली का मौसम कुछ ख़ास है ।

रूमानियत भरा एक अहसास है।

 

 

©ऋचा सिन्हा, मुंबई

परिचय :- शिक्षा अंग्रेज़ी साहित्य में एमए, अध्यापन कार्य में संलग्न, रुचि : लिखना, पढ़ना, संगीत.

 

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