छत्तीसगढ़रायपुर

त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम के साहित्यकारों ने मनाया शरद पूर्णिमा उत्सव ….

राजिम। अंचल के सक्रिय साहित्यिक संस्था त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम नवापारा के द्वारा शरद पूर्णिमा उत्सव व छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस गायत्री मंदिर सभागार में मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती रेखा सोनकर अध्यक्ष नगर पंचायत राजिम, विशेष अतिथि श्रीमती पुष्पा गोस्वामी सभापति, नगर पंचायत राजिम, अध्यक्षता दिनेश चौहान वरिष्ठ साहित्यकार राजिम थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ कवि रोहित माधुर्य ने किया। इसके पश्चात त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम के साहित्यकारों ने शरद पूर्णिमा व छत्तीसगढ़ पर आधारित ओज, श्रृंगार से परिपूर्ण अपनी अपनी काव्य रचना पढ़े। इस क्रम में, कवि किशोर निर्मलकर ने “जागव रे जागव रे, छत्तीसगढिया मनखे जागव रे, “पढ़कर छत्तीसगढ़ के जन मानस को जागरूक होने का संदेश दिया। इसी कड़ी को आगे बढाते हुए कोमल सिंह साहू ने “मोर छत्तीसगढ़ के वासी, हमन खाथन चटनी-बासी, “परोसकर खूब वाहवाही लूटा।

कवि रोहित माधुर्य ने “छत्तीसगढ़ के सपना ह, पूरा होगे आज, “पढ़कर माहौल को ऊँचाई प्रदान किया। इसी कड़ी में संतोष साहू ने छत्तीसगढ़ के धार्मिक स्थलों पर शानदार रचना पढ़ी। इसी प्रकार मकसूदन साहू, बरीवाला ने छत्तीसगढ़ के बिसरत संस्कृति पर लाजवाब प्रस्तुति दी। भावुक कवि मोहनलाल मानिकपन ने छत्तीसगढिया स्वाभिमान पर लाजवाब रचना पढ़कर माहौल को ऊँचाई प्रदान किया। तो भारत लाल साहू ने बासी पर जबरदस्त रचना पढा। तो कवयित्री केंवरा यदु ने गांव गरीब किसान पर उत्कृष्ट रचना पढ़ी।

कार्यक्रम संचालन कर रहे श्रवण कुमार साहू ने छत्तीसगढ़ के माटी पर पूरे शान के साथ लाजवाब प्रस्तुति करके वाह वाही बटोरी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती रेखा सोनकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा, सरल और सहज भाषा है, इसे आठवीं अनुसूची में स्थान मिलना चाहिए। विशेष अतिथि श्रीमती पुष्पा सोनकर ने साहित्यकारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि राजिम साहित्य की नगरी है, इस विरासत को त्रिवेणी संगम साहित्य समिति ने सहेज कर रखा है। आभार प्रदर्शन संतोष कुमार ने किया।

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