कोरोना का संक्रमण काल …
कोरोना के संक्रमण काल में
हाय ! सब कुछ सुनसान
गलियां सूनी,राहें सूनी
चौराहा भी विरान
दुनिया की चकाचौंध से
मानव भी अनजान
भीड़ –भाड़ और को लाहल से
जग पूरा मैदान
कोरोना के संक्रमण काल में
हाय ! सब कुछ सुनसान
चौपाटी के वो रंगीन नजारे
ढेले के चटपटे चाट – पकौड़े
ठंडी कुल्फी, आइसक्रीम, बर्फ के गोले
गन्ने का मीठा रस, सर्कस के मेले
साज-सज्जा की दुकानें, पान, गोलगप्पों के ठेले
कुल्हण वाली चाय और मक्का के दाने
कोरोना के संक्रमण काल में
हाय ! सब कुछ सुनसान
मानव के हँसी- ठहाके
बच्चोंके शोर – शराबे
बस, मोटरों की चहल-पहल, मेर्टो का आना-जाना
बिग बाजारों की लंबी कतारें , सिनेमा हाल का जगमगाना
सैलूनों में धक्का-मुक्की, मर्दों का लाइन लगाना
ब्यूटी पार्लर में स्त्रियों का सजना
कोरोना के संक्रमण काल में
हाय ! सब कुछ सुनसान
डॉक्टर, नर्स, सुरक्षा कर्मी सब हैरान
मरीजों की आवाजाही में परेशान
अस्पताल मरीजों से भरमार
शहरों का मुर्दाघर आबाद
देश-विदेश में चहुं ओर हा-हाकार
कोरोना के संक्रमण काल में
हाय !सब कुछ सुनसान
मानव मास्क पहनकर घर मे ही कैद
पति-पत्नी मे तू-तू मैं-मैं, सास-बहु मे प्यार
पढ़ाई खत्म हुई बच्चों की ,घर मे ही ननिहाल
लूडो, शतरंज, लुकाछिपी, घर इन डोर का भंडार
शिक्षक-शिक्षिकाओं घर से पढ़ाना आसान
घर मे ही रह रहकर बच्चों का बुराहाल
कोरोना के संक्रमण काल में
हाय ! यह सब कुछ सुनसान
डॉक्टर, नर्स ,सैनिक सबका दिल से काम
डटे रहे कर्तव्य पथ पर , जग में उनका सम्मान
मजदूरों, उद्योगों का बद से बदतर हाल
बिछुड़ गए अपने परिजनों से ,कैम्पों मे निवास
बंद हुए मंदिर, मस्जिद पंडितों, मौलवियों का बुराहाल
कोरोना के संक्रमण काल मे
हाय ! सब कुछ सुनसान …
©आशा जोशी, लातूर, महाराष्ट्र