लेखक की कलम से

लिखने का हुनर सब में कहां होता है …

World Poetry Day 21 Mar

आज हर लिखने वालों का जश्न होता है

इस नायाब नमूना पेश कर कुछ तारीख होता है

हर किसी में कुछ खास नायब होता है

गुलाबों के गुलिस्तान में काटो का साथ होता हैं

लिखने का हुनर सब में कहा होता है

एक एक शब्द को मोती की माला सा पीरोने का हुनर कहा होता हैं

होता तो हर कोई एक शायर कवि कलमकार का जवाब बन खड़ा ही होता

इस कलम की ताकत  का जवाब नहीं होता

बिन आवाज़ में इतना गहरा घाव नहीं होता

समुद्र मंथन से निकली अमृत कलश की प्याली सा  एहसास नहीं होता

कलम की ताकत का ज़वाब संभाला होता है खामोशी नहीं चीखती रही सीखाती वही लेना देना हिसाब बराबर होता हैं

इसका एक एक हर्फ यूं ही पन्नों में दफ़न नहीं होता है

इतना बस आज ये कलम थामी हैं इसका कोई आसार  यूं ही बेजार नहीं होता

आराधना इतनी  हर गुरु का मान कर बस शुक्रिया अदा कर कर्मों का हिसाब वहीं होता

सर झुका कर ख़ुदा का पल पल शुक्राने  का जवाब नहीं होता …

 

© हर्षिता दावर, नई दिल्ली                 

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