नई दिल्ली

नरेंद्र मोदी सरकार के बड़े अफसर हैं भ्रष्ट, 4 महीने में लोकपाल को इनके खिलाफ मिलीं इतनी शिकायतें …

नई दिल्ली । इस साल अप्रैल और जुलाई के बीच लोकपाल को नरेंद्र मोदी सरकार के वरिष्ठ कर्मचारियों के खिलाफ कुल 30 शिकायतें मिली हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान मिली कुल शिकायतों में से 18 जुलाई और 12 अप्रैल और जून के महीने में मिली हैं। वहीं इनमें से 18 शिकायतें ग्रुप ए और बी श्रेणी के अधिकारियों के खिलाफ हैं। इसके अलावा 12 शिकायतें चेयरपरसन, मेंबर या ऑफिसर जैसे विभिन्न पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ मिली हैं। लोकपाल के आंकड़ों के मुताबिक यह सभी सरकारी या गैर सरकारी संस्थानों से ताल्लुक रखने वाले हैं। बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आने के पूर्व भ्रष्टाचार को लेकर चुनावी मुहिम चलाया था। जिसके बाद लोगों में इस सरकार को लेकर काफी उम्मीदें थी कि अब अच्छे दिन आएंगे।

आंकड़ों के मुताबिक प्राथमिक जांच के बाद 11 शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है। वहीं सात मामलों में शुरुआती जांच के आदेश दिए गए थे। एक शिकायत में स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई और एक अन्य में टिप्पणी के लिए कहा गया था। तीन अन्य मामलों में लोकपाल ने अतिरिक्त सूचना की मांग की थी। इसके अलावा तीन शिकायतों में सीबीआई रिपोर्ट का इंतजार है। यह सभी मामले 2021-22 के हैं।

गौरतलब है कि लोकपाल आम जनता के लिए काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करता है। अगर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी अगर भ्रष्टाचार का कोई आरोप लगता है तो यह उसकी जांच कर सकता है। 19 मार्च 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को लोकपाल के चेयरपरसन पद की शपथ दिलाई थी। बाद में 27 मार्च को जस्टिस घोष ने लोकपाल के अन्य आठ सदस्यों, चार न्यायिक और बाकी गैर न्यायिक को शपथ ग्रहण कराई थी।

बता दें कि 2020-21 के दौरान लोकपाल को कुल 110 शिकायतें मिली थीं। यह 2019-20 में मिली 1427 शिकायतों की तुलना में 92 फीसदी कम थीं। 2020-21 में मिली कुल 110 शिकायतों में से 4 सांसदों, 57 ग्रुप और ग्रुप बी केंद्रीय अधिकारियों, 44 अन्य अधिकारियों कर्मचारियों और 5 अन्य के खिलाफ थीं। वहीं 2019-20 में मिली 1427 शिकायतों में 613 सरकारी अधिकारियों और चार केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के खिलाफ थीं।

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