नई दिल्ली

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के यात्रियों को दोहरी सौगात, यात्रियों को मिलेगा सेमी हाई स्पीड के साथ-साथ स्लीपर का आराम

नई दिल्ली
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के यात्रियों को दोहरी सौगात मिलने जा रही है। अब लंबा सफर करने वालों को सेमी हाई स्पीड के साथ-साथ स्लीपर का आराम भी मिल सकेगा। अब इसके लिए महज दो-तीन महीनों का ही और इंतजार बाकी है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि मार्च में वंदे भारत एक्सप्रेस के स्लीपर वर्जन का पहला सेट पटरियों पर फर्राटा भरने के लिए तैयार है।

खबर है कि मार्च में शुरुआत मिलने और जरूरी ट्रायल्स के बाद स्लीपर वर्जन के नए सेट अप्रैल के पहले या दूसरे सप्ताह से दौड़ना शुरू कर देंगे। न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन ट्रेनों का सीरियल प्रोडक्शन इस साल अगस्त या सितंबर से शुरू हो सकता है। रिपोर्ट में रेलवे अधिकारियों के हवाले से लिखा गया है कि स्लीपर कोच निर्माण की प्रक्रिया पूरी रफ्तार के साथ जारी है।

किस रूट पर दौड़ेंगी स्लीपर ट्रेन
फिलहाल, वंदे भारत एक्सप्रेस देश के 39 रेल मार्गों पर सेवाएं दे रही हैं। ये सभी चेयर कार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती तौर पर नए स्लीपर कोच दिल्ली से मुंबई, दिल्ली से हावड़ा और दिल्ली से पटना जैसे रास्तों पर ओवरनाइट यात्राएं करेंगे।

रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से  बताया गया है कि स्लीपर कोच में यात्रियों को पहले से ज्यादा सुविधाएं मिलने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता, टिकाऊ और किफायत होने के मामले में स्लीपर वर्जन अंतरराष्ट्रीय स्तर के होंगे। उन्होंने जानकारी दी है कि स्लीपर वर्जन के सभी सेट्स में कवच सिस्टम होगा और ये 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे।

40 हजार बोगियां वंदे भारत की बोगियों में तब्दील होंगी
केंद्र सरकार की तरफ से गुरुवार को जारी अंतरिम बजट में रेलवे को बड़ी सौगात दी गई है। इस दौरान 40 हजार बोगियों को वंदे भारत के स्तर की बोगियों में बदलने की बात कही है। साथ ही तीन ने रेल कॉरिडोर के निर्माण की भी योजना है। तीन मुख्य कॉरिडोर में एनर्जी, मिनरल एंड सीमेंट कॉरिडोर, पोर्ट कनेक्टिविटी कॉरिडोर और हाई ट्रैफिक डेन्सिटी कॉरिडोर शामिल है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि इन नए कॉरिडोर की पहचान पीएम गति शक्ति पहल के तहत हुई है। इसके अलावा तेज और सुरक्षित रेल यात्रा को सुनिश्चित करने में हाई ट्रैफिक डेन्सिटी कॉरिडोर मदद करेंगे।

 

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