मध्य प्रदेश

एलपीजी सिलेंडर पर अब होगा क्यूआर कोड, नहीं हो सकेगी गैस की चोरी

मोबाइल से सर्च करने पर उपभोक्ता को मिलेगी पूरी जानकारी

भोपाल। एलपीजी गैस उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है. अगले छह माह में रसोई गैस सिलेण्डर पर क्यूआर कोड नजर आने लगेंगे। इस कोड से अब गैस कम या चोरी होने की उपभोक्ताओं की शिकायतें दूर हो जाएंगी। इस कोड से सिलेंडर की बॉटलिंग से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन तक की प्रक्रिया भी पारदर्शी हो जाएगी। मोबाइल से इस कोड को स्केन करने पर उपभोक्ता को सिलेंडर के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।

देश में लगभग 30 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता हैं, जबकि गैस सिलेंडरों की संख्या करीब 70 करोड़ है। इनमें सबसे अधिक ग्राहक इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के पास हैं। एलपीजी गैस सिलेण्डर की लाइफ 15 साल की होती है। इसकी पहली टेस्टिंग 10 साल तथा दूसरी 5 साल पूरे होने पर की जाती है। देश में जैसे-जैसे गैस की कीमतों में इजाफा हो रहा है, सिलेंडरों से अवैध तरीके से गैस निकालने के मामले भी बढ़ रहे हैं। इसी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने सिलेंडरों को क्यूआर कोडयुक्त करने का फैसला लिया है। क्यूआर कोड युक्त सिलेंडर होने से गैस की चोरी होने की स्थिति में मदद मिलेगी। दरअसल, क्यूआर कोड की मदद से उनके सिलेंडर को ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे सिलेंडर वितरण की प्रक्रिया के दौरान गैस चोरी करने वालों की पहचान हो सकेगी।

एक तरीके से हर एलपीजी सिलेंडर का आधार कार्ड होगा क्यूआर कोड

एलपीजी के नए गैस सिलेंडर में क्यूआर कोड मैन्युफैक्चरिंग के समय ही डाला जाएगा। वहीं गैस सिलेंडर में क्यूआर कोड के मेटल स्टीकर को चिपकाया जाएगा। यह एक तरह का बारकोड होता है, जिसे मोबाइल डिवाइस से खोला जा सकता है। क्यूआर कोड एक तरीके से हर एलपीजी सिलेंडर का आधार कार्ड होगा। इससे एलपीजी सिलेंडर की बॉटलिंग से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन तक की प्रक्रिया पारदर्शी होगी। क्यूआर कोड के जरिए ग्राहक सिलेंडर के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, सिलेंडर को कहां रिफिल किया गया है। उसका डिस्ट्रीब्यूटर कौन है और सिलेंडर से संबंधित कौन से सुरक्षा परीक्षण किए गए हैं। दूसरी ओर, अभी तक यह नहीं पता चल पाता था कि किस डीलर ने गैस सिलेंडर को कहां से निकाला और किस डिलीवरी मैन ने उसकी डिलीवरी ग्राहक के घर पर की थी। मगर, क्यूआर कोड लगने के बाद सभी चीजों की ट्रैकिंग बहुत आसान हो जाएगी। इससे चोरी आसानी से पकड़ी जा सकेगी और लोगों के मन का संदेह दूर होगा।

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